गाजा में जारी भीषण युद्ध के बीच राहत सामग्री लेकर पहुंची अमेरिकी सेना

अमेरिकी सैन्य अधिकारियों का अनुमान है कि इस पोतघाट के जरिए गाजा पट्टी में एक दिन में 150 ट्रक ले जाए जा सकते हैं. इस बीच, इजराइल ने दक्षिणी शहर रफह में हमास के खिलाफ सात महीने से जारी लड़ाई को और तेज कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
वाशिंगटन:

युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में अमेरिका द्वारा हाल में बनाए गए एक तैरते पोतघाट के जरिए राहत सामग्री लेकर ट्रक पहली बार शुक्रवार को संकटग्रस्त इलाके में पहुंचे. इजराइल ने गाजा में जारी भीषण युद्ध के बीच जमीनी सीमा पर प्रतिबंध लगा दिए है जिसके कारण लोगों तक खाद्य एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई थी. अमेरिकी सैन्य अधिकारियों का अनुमान है कि इस पोतघाट के जरिए गाजा पट्टी में एक दिन में 150 ट्रक ले जाए जा सकते हैं. इस बीच, इजराइल ने दक्षिणी शहर रफह में हमास के खिलाफ सात महीने से जारी लड़ाई को और तेज कर दिया है.

अमेरिका और सहायता समूहों ने साथ ही इस बात को लेकर सचेत किया कि इस पोतघाट परियोजना को जमीनी मार्ग से आपूर्ति पहुंचाए जाने का विकल्प नहीं माना जा सकता. उनका कहना है कि जमीनी मार्ग के जरिए ही गाजा में आवश्यक भोजन, पानी और ईंधन पहुंचाया जा सकता है. युद्ध से पहले, औसतन प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रक गाजा में प्रवेश करते थे.

हमास द्वारा पिछले साल सात अक्टूबर को इजराइल में घुसकर किए गए हमले के बाद से इजराइल ने गाजा की नाकेबंदी कर दी है. इसकी वजह से ट्रकों का परिचालन करने के लिए ईधन की कमी, आतंकवादी हमले, सामरिक बाधाएं बनी हुई है. हमास ने सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला किया था और इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे तथा 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था. इस हमले के जवाब में इजराइल ने भी गाजा में हमास पर हमला किया.

Advertisement

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इजराइल के हमले में गाजा पट्टी में 35,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं. सहायता एजेंसियों का कहना है कि दक्षिणी गाजा में खाने-पीने की चीजें खत्म हो रही हैं और ईंधन का भंडार तेजी से कम हो रहा है, जबकि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी और विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि गाजा के उत्तर में पहले ही अकाल की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है.

Advertisement

सैनिकों ने बृहस्पतिवार को तैरते पोतघाट स्थापित करने का काम पूरा कर लिया और अमेरिकी सेना के मध्य कमान ने कहा कि शुरुआती सहायता शुक्रवार सुबह नौ बजे गाजा पहुंची. इसमें कहा गया है कि ऑपरेशन में कोई भी अमेरिकी सैनिक तट पर नहीं गया.

Advertisement

कमान ने कहा, ‘‘ समुद्री गलियारे के माध्यम से गाजा में फलस्तीनी नागरिकों को अतिरिक्त सहायता देने का यह एक सतत, बहुराष्ट्रीय प्रयास है जो प्रकृति में पूरी तरह से मानवीय है, और इसमें कई देशों और मानवीय संगठनों द्वारा दान की गई सहायता वस्तुएं शामिल होंगी.''

Advertisement

पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) ने कहा कि वितरण प्रक्रिया में उसकी ओर से किसी प्रकार की सहायता की उम्मीद नहीं है. इसका समन्वय संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने हालांकि, कहा कि जमीनी रास्ते से की जाने वाली ईंधन आपूर्ति लगभग बंद है और इससे गाजा के लोगों तक सहायता पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, ‘‘हमें ईंधन की सख्त जरूरत है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राहत सामग्री समुद्र के रास्ते आ रही है या जमीन के, लेकिन बिना ईंधन यह लोगों तक नहीं पहुंचेगा.'' पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा कि अमेरिका, इजराइल से की जाने वाली हर बातचीत में ईधन का मुद्दा उठाता है.

इजराइल को आशंका है कि ईंधन का इस्तेमाल हमास लड़ाई में कर सकता है लेकिन उसने कहा है कि मानवीय सहायता पर वह कोई रोक नहीं लगाएगा. इजराइल ने गाजा पहुंच रही सामग्री के वितरण में देरी के लिए संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदार ठहराया है. अमेरिका के दबाव में इजराइल ने पिछले सप्ताह मुश्किल का सामना कर रहे गाजा के उत्तरी हिस्से में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए दो रास्ते खोले.

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती आपूर्ति में 500 टन राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी. अमेरिका इजराइल के साथ पोत और तट पर काम कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए समन्वय कर रहा है. यूएसएड के मानवीय सहायता ब्यूरो की सहायक प्रशासक सोनाली कोरदे ने कहा कि अब भी खाद्य सामग्री का वितरण करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Gadgets 360 With Technical Guruji: iOS और Android पर कम ब्लूटूथ वॉल्यूम को कैसे ठीक करें? सीखिए