पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ आतंक निरोधी धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है. उन पर उकसाने वाले भाषण देने और न्यायपालिका को अपना काम करने से रोकने का आरोप लगाया गया है. इससे पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने रविवार को कहा था कि सरकार, एक रैली को संबोधित करते हुए राज्य के संस्थानों को धमकी देने और भड़काऊ बयान देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज करने पर विचार कर रही है. सनाउल्लाह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि सरकार, खान के खिलाफ कोई भी मामला शुरू करने से पहले कानूनी सलाह लेगी.
बताते चलें कि खान ने शनिवार को यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी थी. सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख का भाषण सेना और अन्य संस्थानों को निशाना बनाने की प्रवृत्ति का सिलसिला है. कानून मंत्री ने कहा कि यह सब लगातार हो रहा है - लासबेला की घटना के बाद एक अभियान से जब सेना के छह अधिकारी मारे गए थे, उसके बाद गिल ने अपने शीर्ष कमान के खिलाफ जाने के लिए सेना के रैंकों को उकसाने की कोशिश की और फिर इमरान ने एक महिला न्यायाधीश और पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए धमकी दी.
सनाउल्लाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने उनके हाल के भाषण पर एक रिपोर्ट तैयार की है और मामले के बारे में कुछ दिनों में अंतिम निर्णय लेने से पहले वह महाधिवक्ता और कानून मंत्रालय से परामर्श कर रहा है. बताते चलें कि पाकिस्तान में मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्था ने सभी उपग्रह टेलीविजन चैनलों द्वारा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषणों के सीधे प्रसारण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. यह कदम ऐसे वक्त उठाया गया है, जब कुछ घंटों पहले खान ने इस्लामाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए सरकारी प्रतिष्ठानों और सरकारी अधिकारियों को धमकी दी थी.
पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि टेलीविजन चैनल बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ‘‘सरकारी प्रतिष्ठानों'' के खिलाफ सामग्री के प्रसारण को रोकने में नाकाम रहे हैं.इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसा देखा गया है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान अपने भाषणों/वक्तव्यों में सरकारी प्रतिष्ठानों पर लगातार निराधार आरोप लगा रहे हैं और उकसावे वाले बयानों के जरिए घृणास्पद भाषणों का प्रचार कर रहे हैं, जिससे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है और इससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका है.''
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