- पूर्व पीएम शेख हसीना ने बांग्लादेश में अवैध सरकार द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप की आलोचना की है
- शेख हसीना ने क्रिसमस के अवसर पर सभी ईसाई नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए मानवता और शांति का संदेश दिया
- उन्होंने बांग्लादेश में गैर-मुसलमानों, खासकर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और हिंसा की निंदा की है
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और खास हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा को लेकर पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक बड़ा बयान दिया है. क्रिसमस के खास मौके पर अपने संदेश में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार, जिसने अवैध रूप से सत्ता पर काबिज हुई है, ने सभी धर्मों और समुदायों के लोगों की अपने-अपने धर्मों का पालन करने की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहा है.
शेख हसीना ने अपने संदेश में आगे कहा कि बांग्लादेश में विशेषकर गैर-मुसलमानों पर अत्याचार किया जा रहा है. इसने धार्मिक अल्पसंख्यकों को जलाकर मारने जैसी भयावह मिसालें भी कायम की हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि बांग्लादेश के लोग इस अंधकारमय समय को अब और जारी नहीं रहने देंगे. उन्होंने कहा कि आज, 25 दिसंबर, ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक त्योहार क्रिसमस के अवसर पर मैं दुनिया के सभी ईसाई नागरिकों और सभी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं. महान ईसा मसीह का पृथ्वी पर आगमन एक अविस्मरणीय घटना थी.
वह मानवता की मुक्ति के दूत थे, प्रकाशपुंज थे. अपार बलिदान के माध्यम से, उन्होंने दुनिया को शांति के स्थान में बदलने के लिए निर्माता की महिमा और ईसाई धर्म के महान संदेश का प्रचार किया. उन्होंने भटकी हुई मानवता को सत्य और न्याय के मार्ग पर वापस लाने का आह्वान किया। विश्व को मानवीय और दयालु स्थान बनाने में ईसा मसीह का योगदान अविस्मरणीय है.
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले की घटनाएं कम होती नहीं दिख रही हैं. गुरुवार को भी एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या क दी गई है. बांग्लादेश की पुलिस ने बताया कि राजबारी के पांग्शा उपज़िला में कल रात जबरन वसूली के आरोप में एक व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. हालांकि अब पुलिस उसे ही दोषी और अपराधी बता रही है. सहायक पुलिस अधीक्षक (पांग्शा सर्कल) देब्रता सरकार ने बांग्लादेश के पत्रकारों को बताया कि यह घटना कल रात करीब 11:00 बजे कालीमोहर यूनियन के होसेनडांगा गांव में घटी. मरने वाले की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के रूप में हुई है, जो उसी गांव का निवासी था.
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