राष्‍ट्रपति एक कलम से कानूनी नियम को नहीं बदल सकते: कोर्ट में ट्रंप का जन्‍मजात नागरिकता वाला आदेश ब्‍लॉक 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक और आदेश को एक और बार कोर्ट से झटका लगा है.जन्मजात नागरिकता पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर जज ने रोक लगा दी है.

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  • अमेरिकी जिला न्यायाधीश लियो सोरोकिन ने ट्रंप के जन्मजात नागरिकता आदेश पर रोक लगाई है.
  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह तीसरी बार है जब किसी कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को असंवैधानिक माना है.
  • दस से अधिक राज्यों ने अदालत में कहा कि ट्रंप का आदेश संविधान के खिलाफ है और इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.
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वॉशिंगटन:

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक और आदेश को एक और बार कोर्ट से झटका लगा है. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे माता-पिता के बच्चों को मिलने वाली जन्मजात नागरिकता पर प्रतिबंध लगाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले पर जज ने रोक लगा दी है. जून में सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद से तीसरी बार किसी कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के आदेश पर रोक लगाई है. अमेरिकी जिला न्यायाधीश लियो सोरोकिन ने यह फैसला सुनाया. 

अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा मामला! 

इससे पहले दस से ज्‍यादा राज्यों ने कोर्ट में कहा कि ट्रंप का जन्मजात नागरिकता आदेश साफतौर पर असंवैधानिक है. उम्मीद की जा रही है कि यह मामला जल्द ही देश के उच्चतम न्यायालय में वापस जाएगा. न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल मैथ्यू प्लैटकिन ने एक बयान में कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि जिला अदालत ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के घोर असंवैधानिक जन्मजात नागरिकता आदेश को कहीं भी प्रभावी होने से रोक दिया है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका में जन्मे बच्चे अमेरिकी हैं. राष्‍ट्रपति एक कलम से कानूनी नियम को नहीं बदल सकते.' व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्सन ने एक बयान में कहा कि प्रशासन 'अपील पर दोषमुक्त' होने की उम्मीद कर रहा है.  

अमेरिकी जिला न्यायाधीश लियो सोरोकिन ने एक और जिला अदालत और न्यायाधीशों के एक अपीलीय पैनल के साथ मिलकर पाया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अपवाद के तहत एक दर्जन से ज्‍यादा राज्यों को दिया गया राष्‍ट्रव्‍यापी निषेधाज्ञा अभी भी लागू है. इस फैसले ने निचली अदालतों के न्यायाधीशों की राष्ट्रव्यापी निषेधाज्ञा जारी करने की शक्ति को सीमित कर दिया था. 

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क्‍या बोले ट्रंप के वकील 

सरकार के वकीलों ने तर्क दिया था कि सोरोकिन को प्रारंभिक निषेधाज्ञा देने वाले अपने पहले के फैसले के दायरे को सीमित करना चाहिए. वकीलों का कहना था कि इसे 'राज्यों के आर्थिक नुकसान के अनुरूप' बनाया जाना चाहिए. सोरोकिन ने कहा कि जन्मसिद्ध अधिकार आदेश के प्रति एक अधूरे दृष्टिकोण से राज्यों की रक्षा नहीं होगी क्योंकि बड़ी संख्या में लोग राज्यों के बीच आते-जाते हैं. उन्होंने ट्रंप प्रशासन की भी आलोचना की और कहा कि वह यह साफ करने में असलफ रहा हे कि एक संकीर्ण निषेधाज्ञा कैसे काम करेगी. 

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क्‍या था ट्रंप का आदेश 

जन्मजात नागरिकता को क्षत्‍म करने के मकसद से एक एग्जिक्‍यूटिव ऑर्डर जारी किया था. इस यह आदेश ट्रंप के शुरुआती दिनों में लिए गए फैसले में एक था. अमेरिकी क्षेत्र में जन्मे करीब  सभी लोगों के लिए स्वतः नागरिकता के अधिकार को खत्‍म करने के मकसद से जारी यह आदेश, रिपब्लिकन राष्‍ट्रपति की तरफ से किया गया एक अहम नीतिगत बदलाव रहा है. हालांकि, इस आदेश की कई पक्षों से बड़े स्‍तर पर आलोचना हुई. कानून के जानकारों ने भी इसका विरोध किया था. उनका कहना था कि राष्‍ट्रपति के पास अमेरिकी संविधान पर आधारित कानून को एकतरफा रूप से बदलने का अधिकार नहीं है. 

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