"रूसी सैन्‍य बलों की सार्थक वापसी नहीं देखी" : NDTV से बातचीत में यूक्रेन के मंत्री

दोनों पक्षों के बीच शांति के लिए वार्ता कल इस्‍तांबुल में हुई थी जिसमें रूस ने कहा कि वह राजधानी कीव सहित उत्‍तरी यूक्रेन में सैन्‍य गतिविधियों को मौलिक रूप से कम करेगा.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा, युद्ध दूसरे महीने में प्रवेश कर चुका है. हम इसे खत्‍म करना चाहते हैं
नई दिल्‍ली:

Russia-Ukraine war: यूक्रेन पर रूस के हमले को एक माह से अधिक समय हो चुका है. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा (Dmytro Kuleba)ने NDTV के साथ विशेष बातचीत में रूसी आक्रमण के बीच अपने मुल्‍क के हालात के बारे में बातचीत की. शांति स्‍थापना के प्रयासों को लेकर कुलेबा ने कहा कि हमने रूस के समक्ष कुछ अच्‍छे प्रस्‍ताव रखे हैं लेकिन जमीनी स्‍तर पर हालात पर नजर रखने की जरूरत है. हमले जारी हैं. जमीन पर हो रहा है, उससे बातचीत टूटती नजर आ रहे है. कीव और चेर्निहिव से कोई सार्थक वापसी नहीं हुई है. उन्‍होंने कहा, '  हमने कुछ क्षेत्रों से कुछ रूसी सेना को वापसी करते हुए देखालेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सेना पूरी तरह से वापस लौट चुकी है. इसलिए हमें रूसी आश्वासनों से सावधान रहने की जरूरत है.

दोनों पक्षों के बीच शांति के लिए वार्ता कल इस्‍तांबुल में हुई थी जिसमें रूस ने कहा कि वह राजधानी कीव सहित उत्‍तरी यूक्रेन में सैन्‍य गतिविधियों को मौलिक रूप से कम करेगा. हालांकि यूक्रेन को संदेह है कि रूसी सेना की वापसी, देश के पूर्वी हिस्‍से पर मजबूत हमले के लिए फिर से एकजुट होने की सामरिक रणनीति हो सकती है.यूक्रेन के विदेश  मंत्री ने कहा कि हमने कुछ क्षेत्र से कुछ रूसियों को वापसी करते देखा. दार्शनिक अंदाज में उन्‍होंने कहा कि लेकिन यदि आप सुरंग के अंतिम छोर पर रोशनी को देखते हैं तो यह सुनिश्‍चित करने की जरूरत है कि यह अंदर आती ट्रेन का नहीं है. इस लिहाज से रूसी आश्‍वासनों को लेकर सजग हरने की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि रूस का वापसी का कदम रचनात्‍मक के बजाय सामरिक (Tactical, instead of a constructive)हो सकता है.   

उन्‍होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रूस के रचनात्मक शब्द उसके रचनात्मक कदमों से मेल खाए. हम इतिहास के दाईं ओर हैं. हमने किसी पर आक्रमण नहीं किया. प्रारंभिक धारणा कि युद्ध कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा, गलत साबित हुई है. अब युद्ध दूसरे महीने में प्रवेश कर चुका है. हम युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि कोई मरे. उन्‍होंने कहा कि दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो इस युद्ध को चाहता है, वह है व्लादिमीर पुतिन. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पुतिन को इस युद्ध को रोकने के लिए मना सकते हैं, तो हम उसके खिलाफ क्यों हों? कुलेबा ने कहा कि रूस में निर्णय लेने वाले एकमात्र व्यक्ति राष्ट्रपति पुतिन हैं. इसलिए आपको उनसे सीधे बात करने की जरूरत है कि इस युद्ध को कैसे खत्म किया जाए. यूएन में भारत के वोटिंग से परहेज करने संबंधी मसले पर उन्‍होंने कहा कि यह सच है कि भारत संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है.. लेकिन हम बताना चाहते हैं कि इस पूरे मामले में यूक्रेन इतिहास के सही पक्ष में है. यूक्रेन भारत की खाद्य सुरक्षा के गारंटरों में से एक है. हम कई उत्पादों की आपूर्ति करते हैं. यह पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें -

* "दिल्ली के CM केजरीवाल के आवास पर हमला, 70 हिरासत में; AAP ने BJP पर लगाए आरोप
* "कैमरे में कैद : बुर्का पहनी महिला ने सोपोर में CRPF कैम्प पर फेंका बम
* "प्रशांत किशोर की 2024 चुनावों के प्लान को लेकर गांधी परिवार से बातचीत, 10 प्वाइंट्स

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi में आयोजित Lehar Art Exhibition में छात्रों द्वारा बनाए गए पेंटिंग्स, फिल्म, मैगजीन की पेशकश