"भयानक अन्याय ": अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 'आरक्षण' पर रोक के फैसले पर भारतीय मूल के नेता

भारतीय मूल के कांग्रेसी रो खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस देश के फ्यूचर लीडर्स के साथ "भयानक अन्याय" किया है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
भारतीय मूल के नेता ने अमेरिकी SC के फैसले की निंदा की...

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी एडमिशन में नस्ल और जातीयता के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया. इससे दशकों तक एफरमेटिव एक्शन कही जाने वाली पुरानी प्रथा को बड़ा झटका लगा है. भारतीय मूल के कांग्रेसी रो खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की निंदा की है. कोर्ट ने अपने फैसले में कॉलेज में नस्ल और जातीयता के आधार पर दाखिले पर रोक लगा दी है. रिपब्लिकन सहित पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले की सराहना की है और वहीं डेमोक्रेट्स ने इसकी निंदा की है.

रो खन्ना ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस देश के फ्यूचर लीडर्स के साथ "भयानक अन्याय" किया है. इस बारे में बात नहीं की जा रही है कि इससे छात्रों को कैसे नुकसान होगा, न केवल ब्लैक या लातीनी छात्रों को, बल्कि श्वेत और एशियाई अमेरिकी छात्रों को भी. हार्वर्ड जाने वाले उन छात्रों पर विचार करें जो इस देश के भविष्य के राजनीतिक नेता, भविष्य के राष्ट्रपति, सीनेटर बनना चाहते हैं, आपको लगता है कि उनके पास ऐसा करने का बेहतर मौका होगा, यदि वे उन कक्षाओं में हैं जिनमें अफ़्रीकी अमेरिकी या लैटिनो का प्रतिनिधित्व नहीं है. खन्ना ने एमएसएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि वे (सर्वोच्च न्यायालय)  बहुजातीय लोकतंत्र में इस देश के भावी नेताओं के साथ भयानक अन्याय कर रहे हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने किया फैसले का समर्थन और बाइडेन ने जताया विरोध

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने फैसले में लिखा कि छात्र के साथ एक व्यक्ति के रूप में उसके अनुभवों के आधार पर व्यवहार किया जाना चाहिए. नस्ल के आधार पर नहीं.अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले का समर्थन किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ये अमेरिका के लिए शानदार दिन है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फैसले पर असहमति जताई है. उन्होंने कहा कि इसे देश के लिए स्थायी नहीं रहने दे सकते. हमें अवसरों का दरवाजा खुला रखना होगा. हमें आगे का रास्ता ढूंढना होगा.

बराक ओबामा ने कहा- प्रयासों को दोगुना करने का समय

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्वीट किया कि अधिक न्यायपूर्ण समाज बनाने की दिशा में सकारात्मक कार्रवाई कभी भी पूरी नहीं थी,  लेकिन छात्रों की कई पीढ़ियों के लिए जिन्हें अमेरिका के अधिकांश प्रमुख संस्थानों से व्यवस्थित रूप से बाहर रखा गया था. इसने हमें ये दिखाने का मौका दिया कि हम मेज़ पर एक से ज़्यादा सीटों के लायक हैं. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फ़ैसले के मद्देनज़र, हमारे प्रयासों को दोगुना करने का समय है.

Featured Video Of The Day
iMPower Academy, कमजोर स्किल्स वाले युवाओं को स्किल्स से किया सशक्त | M3M Foundation
Topics mentioned in this article