Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान (Taliban) ने अपने दो प्रबल विरोधियों अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani)और पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) को माफी देने का फैसला किया है. वरिष्ठ तालिबान नेता खलील उर रहमान हक्कानी ने यह बात कही.अमरुल्लाह सालेह को तालिबान के प्रबल विरोधियों में शुमार किया जाता है और वे पंजशीर में पूर्व मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह के बेटे अहमद मसूद के साथ तालिबान के खिलाफ झंडा बुलंद किए हैं. Geo News से बात करते हुए काबुल के लि ए सुरक्षा प्रभारी हक्कानी ने कहा, 'हम अशरफ गनी, अमरुल्लाह सालेह और हमदुल्लाह मोहिब (अफगान राष्ट्रपति के सुरक्षा सलाहकार) को माफ करते हैं. हमारे खिलाफ लड़ने वाले जनरलों से लेकर आम इंसान तक हम सबकों माफ करते हैं.'
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रिपोर्ट के अनुसार, हक्कानी ने कहा, 'संगठन ने अपनी ओर से जनरल से लेकर आम इंसान तक सबसे माफ कर दिया है. वे देश लौट सकते हैं. ' उन्होंने कहा, 'तालिबान और तीनों अधिकारियों के बीच दुश्मनी केवल धर्म और सिस्टम में बदलाव की महत्वाकांक्षा को लेकर थी. ' उन्होंने कहा, 'व्यवस्था (सिस्टम) अब बदल गई है.' गौरतलब है कि तालिबानी आतंकियों ने जब राजधानी काबुल पर कब्जा किया था तो अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे. वे इस समय संयुक्त अरब अमीरात (UAE)में हैं. गनी के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह इस समय पंजशीर में हैं और नॉर्दन एलायंस के चीफ रहे पूर्व मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह के बेटे अहमद मसूद के साथ तालिबान के साथ दो-दो हाथ करने की तैयारी में हैं.
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सालेह, पहले ही तालिबान के खिलाफ संघर्ष का जज्बा दिखा चुके हैं. उन्होंने ट्वीट किया था, 'मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा, जिन्होंने मुझे चुना. मैं तालिबान के साथ कभी भी नहीं रहूंगा, कभी नहीं.' एक अन्य ट्वीट में अफगानिस्तान के पूर्व उप राष्ट्रपति सालेह ने कहा, 'इस बारे में अमेरिका से बात करने का अब कोई मतलब नहीं है. हम अफगानों को साबित करना होगा कि अफगानिस्तान, वियतनाम नहीं है. अमेरिका और नाटो से अलग हमने अभी हौसला नहीं खोया है. 'गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद खलील उर रहमान हक्कानी को काबुल का सुरक्षा प्रभारी बनाया गया है. अमेरिका ने फरवरी 2011 में हक्कानी को वैश्विक आतंकी के रूप में नामित किया था और उसकी सूचना देने पर 5 मिलियन डॉलर के इनाम की घोषणा की थी. हक्कानी, संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में भी शामिल है.