Syria Violence Escalates: सीरिया के स्वेदा प्रांत में हिंसा जारी
- सीरिया के अल-स्वेदा में पिछले सप्ताह हिंसा में लगभग 950 से अधिक लोग मारे गए हैं, अधिकतर ड्रूज समुदाय के हैं.
- ड्रूज समुदाय का आरोप है कि उन्हें जातीय नरसंहार और अपमानजनक व्यवहार के तहत जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.
- असद शासन के पतन के बाद अल-शरा के नेतृत्व में नई सरकार के उदय से अल्पसंख्यक समुदायों में भय और तनाव बढ़ गया है.
सीरिया के दक्षिणी प्रांत अल-स्वेदा में सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ी है जिसमें पिछले एक सप्ताह के अंदर सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. स्थित इस हद तक बिगड़ी की इजरायल ने एक समुदाय विशेष- ड्रूज के उत्पीड़न को आधार बनाकर सीरिया पर हमला तक किया. इजरायल का हमला रुका और सीजफायर समझौता हुआ लेकिन स्वेदा में हिंसा अभी भी रुकी नहीं है. यहां के ड्रूज समुदाय का कहना है कि यहां उन्हें "जातीय नरसंहार" का सामना करना पड़ रहा है. टागरेग करके हत्या करने, धर्म के आधार पर जबरन अपमान और सांप्रदायिक झड़पों की खबर लगातार इस क्षेत्र से सामने आ रही हैं. यहां बशर अल-असद के पतन के बाद लगातार तनाव देखा गया है.
ड्रूज समुदाय से आने वाले 21 वर्षीय माजद अल-शायर ने एनडीटीवी को बताया, "यह अब संघर्ष नहीं है, यह विनाश है… वे हमारे बुजुर्गों को अपमानित कर रहे हैं, हमारी महिलाओं और बच्चों को मार रहे हैं. यह हमें खत्म करने का अभियान है. ड्रूज के खिलाफ जातीय सफाई (एथनिक क्लींजिंग) अभियान चल रहा है."
ब्रिटेन स्थित मॉनिटरिंग ग्रूप- सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में स्वेदा प्रांत में 940 से अधिक लोग मारे गए हैं. मृतकों में 326 ड्रूज लड़ाके, 262 ड्रूज नागरिक, 312 सरकारी सुरक्षाकर्मी और 21 सुन्नी बेडौइन शामिल हैं. सुन्नी समुदाय के इन 21 लोगों में कथित तौर पर ड्रूज लड़ाकों द्वारा मारे गए तीन नागरिक भी शामिल हैं.
अल-शायर ने एनडीटीवी को बताया, "यह तब शुरू हुआ जब सुन्नियों के एक समूह ने एक ड्रूज सब्जी ले जाने वाले ड्राइवर को पकड़ लिया, उसे पीटा, और उसकी कार और पैसे चुरा लिए. फिर ड्रूज के एक समूह ने सुन्नियों के एक समूह को पकड़ लिया, और ऐसा ही फिर सुन्नियों ने एक ड्रूज समूह के साथ किया. फिर सुन्नियों ने कैदियों का अपमान करके ड्रूज को भड़काना शुरू कर दिया, जिससे युद्ध छिड़ गया और सरकार और पूरे सीरिया से सुन्नियों ने ड्रूज पर हमला करना शुरू कर दिया."
सम्प्रदाय के आधार पर बंटा समाज
ड्रूज समुदाय सीरिया में एक धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदाय है. यह इस्लामी, ग्रीक और अन्य दार्शनिक परंपराओं में निहित विशिष्ट मान्यताओं को मानता है और मुख्य रूप से स्वेदा और पहाड़ी जबल अल-ड्रूज क्षेत्र में रहता है. भले इस समूह ने असद के अधीन पहले की सीरियाई सरकार के साथ असहज संबंध बनाए रखा, वे देश के गृहयुद्ध के दौरान टारगेट करके होने वाली हिंसा से काफी हद तक बचे रहे.
लेकिन इस महीने यह स्थिति बदल गई.
दिसंबर 2024 में असद शासन का पतन हो गया और अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा का उदय हुआ. अल-शरा एक पूर्व आतंकवादी है जिसे अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता है. उनके अंतरिम राष्ट्रपति बनने के साथ ही स्वेदा एक फ्लैशप्वाइंट बन गया है. अल-शरा ने इसके पहले आतंकवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का नेतृत्व किया था. उसके कुर्सी पर बैठने की खबर ने ही सीरिया के अल्पसंख्यकों के बीच भय बढ़ा दिया है. विशेष रूप से ड्रूज समुदाय उसे एक खतरे के रूप में देखते हैं.
टारगेट करके किया जा रहा हमला
ड्रूज नागरिकों का कहना है कि जानबूझकर ऐसे काम किए जा रहे हैं ताकि उनकी पहचान का अपमान किया जा सके. कई प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में दिख रहा है कि बुजुर्ग ड्रूज पुरुषों की मूंछें जबरन मुंडवाया जा रहा.
अल-शायर ने कहा, "यह सिर्फ हत्या नहीं है. उन्होंने हमें अपमानित करने के लिए हमारी मूंछें मुंडवा दीं. उन्होंने इसे कैमरे पर रिकॉर्ड कर लिया." अल-शायर का कहना है कि इस तरह की हरकतें सीरिया से "ड्रूज को मिटाने" के उद्देश्य से अपमान के अभियान का हिस्सा हैं.
ऑनलाइन शेयर हो रहे वीडियो में यह भी दिख रहा है कि लोगों को सार्वजनिक रूप से मौत के घाट उतारा जा रहा है. एक विशेष वीडियो में दिखा कि ड्रूज लोगों को सड़क पर खड़ा किया गया है और फिर मशीन गन का उपयोग करके उन्हें गोलियों से भून दिया गया.
स्वेदा सैन्य परिषद
एनडीटीवी ने मार्च में रिपोर्ट की थी जब स्वेदा में हथियार उठाने वाले ड्रूज गुटों ने स्वेदा सैन्य परिषद के गठन की घोषणा की थी. तारेक अल-शौफी के नेतृत्व वाले इस गठबंधन में कई स्थानीय आत्मरक्षा इकाइयां शामिल थीं. इसकी मदद से नागरिकों की सुरक्षा के लिए कॉर्डिनेशन करने और सरकारी बलों या इस्लामवादी गुटों द्वारा घुसपैठ को रोकने की मांग की गई थी.
परिषद का कहना है कि उसके उद्देश्यों में सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता की बहाली और एक धर्मनिरपेक्ष सीरियाई देश को बढ़ावा देना शामिल है. अपने सार्वजनिक बयानों में, इसने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर एक नई राष्ट्रीय सेना में एकीकरण का आह्वान किया है.
अल-शायर ने एनडीटीवी को बताया, "असद के शासन के दौरान स्थिति आर्थिक रूप से खराब थी, लेकिन ऐसे हमले पहले कभी नहीं हुए थे."
ध्यान रहे कि इस परिषद को पूरे ड्रूज समुदाय का समर्थन नहीं मिला है. सीरिया के ड्रूज के आध्यात्मिक नेता शेख हिकमत अल-हाजरी ने परिषद को एक अलगाववादी समूह बताकर उसकी निंदा की है.
इजरायल और अमेरिका का इसमें कूदना
जब सामूहिक हत्याओं, फांसी और सांप्रदायिक दुर्व्यवहार की खबर आनी शुरू हुईं तो इजरायल ने स्वेदा और दमिश्क में सीरियाई सरकार के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिएय
इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह हमला ड्रूज नागरिकों की रक्षा करने की आवश्यक हो गया था. उन्होंने कहा, "हम दक्षिणी सीरिया के पूर्ण विसैन्यीकरण (डी-मिलिटराइजेशन) की मांग करते हैं. हम दक्षिणी सीरिया में ड्रूज समुदाय के लिए किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेंगे."
इजरायल के हमलों की सीरिया ने आलोचना की. सीरिया के राष्ट्रपति अल-शरा ने शनिवार को टेलीविजन पर अपने संबोधन में इजरायली हमलों को हस्तक्षेप बताते हुए इसकी निंदा की. हालांकि कुछ ही घंटों बाद, तुर्की और सीरिया में वाशिंगटन के दूत टॉम बैरक ने अमेरिका की मध्यस्थता में युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा की.
अंतरिम राष्ट्रपति अल-शरा ने भी अपने संबोधन में युद्धविराम की पुष्टि की, जिसमें कहा गया कि सीरियाई सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, हालांकि वह हिंसा के लिए ड्रूज लड़ाकों पर दोष मढ़ते हुए दिखाई दिए.
सीजफायर के बावजूद ग्राउंड पर हिंसा नहीं रुकी है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हिंसा को तत्काल रोकने का आह्वान किया है. मार्को रुबियो ने भारतीय समयानुसार रविवार की सुबह एक ट्वीट करके कहा है, “दक्षिणी सीरिया में भयावह और खतरनाक घटनाक्रम पर अमेरिका पिछले तीन दिनों से इजरायल, जॉर्डन और दमिश्क के अधिकारियों के साथ गहन रूप से जुड़ा हुआ है. निर्दोष लोगों का बलात्कार और कत्लेआम जो अब भी हो रहा है, बंद होना चाहिए. यदि दमिश्क के अधिकारी ISIS और ईरानी नियंत्रण से मुक्त एकीकृत, समावेशी और शांतिपूर्ण सीरिया प्राप्त करने का कोई भी मौका सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उन्हें ISIS और किसी भी अन्य हिंसक जिहादियों को क्षेत्र में प्रवेश करने और नरसंहार करने से रोकने के लिए अपने सुरक्षा बलों का उपयोग करके इस आपदा को समाप्त करने में मदद करनी चाहिए. और उन्हें जवाबदेह बनाना होगा और अत्याचार के किसी भी दोषी को न्याय के कटघरे में लाना होगा, जिनमें उनके अपने ही लोग भी शामिल हैं. इसके अलावा परिधि के अंदर ड्रूज और बेडौइन समूहों के बीच लड़ाई भी तुरंत बंद होनी चाहिए.”
हालांकि अभी भी मोर्टार हमलों और लूटपाट की खबरें सामने आ रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि हाल के दिनों में स्वेदा से 87,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. ड्रूज समुदाय के कई लोगों के लिए, पिछले सप्ताह की घटनाओं ने जातीय सफाए की लंबे समय से चली आ रही आशंकाओं की पुष्टि की है.