स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को जुर्माने के कुछ घंटों बाद विरोध प्रदर्शन स्थल से हटाया गया

पुलिस ने एक बयान में कहा, "छह लोगों को घटनास्थल से हटाया गया. पुलिस के आदेशों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ रिपोर्ट की जाएगी, उसी अपराध के लिए थनबर्ग पर अभी जुर्माना लगाया गया था."

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माल्मो:

स्वीडन की पुलिस ने सोमवार को जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को एक विरोध प्रदर्शन स्थल से हटा दिया. कुछ घंटे पहले ही एक अदालत ने पिछले महीने एक रैली के दौरान कानून का पालन नहीं करने के लिए उन पर जुर्माना लगाया था. जलवायु परिवर्तन को लेकर लड़ने के लिए आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बनी 20 वर्षीय इस कार्यकर्ता पर यातायात में बाधा डालने और बंदरगाह शहर माल्मो में विरोध प्रदर्शन को छोड़ने से इनकार करने का आरोप लगाया गया था.

एएफपी के एक फोटोग्राफर ने बताया कि अपने खिलाफ लगे आरोप के बारे में पूछे जाने पर थनबर्ग ने अदालत से कहा, "यह सही है कि मैं उस दिन उस स्थान पर थी, और यह भी सही है कि मुझे एक आदेश मिला, जिसे मैंने नहीं सुना, लेकिन मैं अपराध से इनकार करती हूं."

थनबर्ग ने कहा कि उन्होंने 'जलवायु संकट' के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को लेकर जो आवश्यकता है, वो कदम उठाया है.

पर्यावरण कार्यकर्ता समूह रिक्लेम द फ़्यूचर द्वारा आयोजित इस रैली में जीवाश्म ईंधन के उपयोग के विरोध में माल्मो बंदरगाह के प्रवेश और निकास द्वार को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया.

मुकदमे के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मेरे अनुसार हम जलवायु परिवर्तन की आपात स्थिति में हैं और इसके कारण मेरा ये प्रदर्शन करना सही है."

कोर्ट में सुनवाई के बाद, अदालत ने ग्रेटा को दोषी पाया और 1,500 क्रोनर ($144) तथा अपराध के पीड़ितों के लिए स्वीडिश फंड में अतिरिक्त 1,000 क्रोनर का जुर्माना लगाया.

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ग्रेटा थनबर्ग को जिस अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था, उसमें अधिकतम छह महीने की जेल की सजा हो सकती थी. लेकिन आमतौर पर, इस तरह के आरोपों पर जुर्माना लगाया जाता है.

यह पूछे जाने पर कि क्या जुर्माने लगाए जाने के बाद वह भविष्य में अधिक सावधानी बरतेंगी, थनबर्ग ने कहा कि वे "निश्चित रूप से पीछे नहीं हटने वाले हैं."

उन्होंने कहा, "हम जानते हैं किनियमों से खेलकर दुनिया को नहीं बचा सकते, क्योंकि कानून को बदलने की जरूरत है. यह बेतुका है कि जो लोग विज्ञान के अनुरूप काम कर रहे हैं, जो जीवाश्म ईंधन उद्योग को अवरुद्ध कर रहे हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है."

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जुर्माना लगने के कुछ घंटों बाद ही थनबर्ग विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गईं, जिसके कारण उन पर जुर्माना लगाया गया. माल्मो बंदरगाह की ओर जाने वाली सड़क पर बैठकर उन्होंने यातायात अवरुद्ध कर दिया.

बंदरगाह पर लगभग एक घंटे के बाद, थनबर्ग और पांच अन्य को पुलिस ने जबरन हटा दिया. पुलिस ने एक बयान में कहा, "छह लोगों को घटनास्थल से हटाया गया. पुलिस के आदेशों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ रिपोर्ट की जाएगी, उसी अपराध के लिए थनबर्ग पर अभी जुर्माना लगाया गया था."

15 साल की उम्र में स्टॉकहोम में स्वीडन की संसद के सामने 'जलवायु के लिए हड़ताल' करने के बाद ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया में प्रसिद्धि मिली थी.

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