प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा अपने ‘लाडले' इमरान खान को दी गई राहत पर सवाल उठाया और कहा कि इसके 'दोहरे मानक' पाकिस्तान में न्याय की मौत का कारण बने हैं. खान को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को नाटकीय अंदाज में की गई उनकी गिरफ्तारी को 'गैर कानूनी' और 'अवैध' करार दिया और उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिये. खान (70) को गत मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के बाहर गिरफ्तार किया गया था और गत बुधवार को एक अदालत ने अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में उन्हें आठ दिन की रिमांड पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को सौंप दिया था.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान को मिली राहत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शरीफ ने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) है.
शहबाज ने कहा, ‘‘जब वह (इमरान) कल अदालत में उपस्थित थे, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आप को देखकर अच्छा लगा और उन्होंने यह भ्रष्टाचार के एक मामले में कहा.''
शहबाज ने शुक्रवार को संघीय कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि आप इस लाडले का पक्ष लेते रहना चाहते हैं, तब तो आपको देश की जेलों में बंद सभी डकैतों को भी रिहा कर देना चाहिए. सभी को इसका लाभ मिले.''
उन्होंने पूछा कि यह नरमी उनके भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य नेताओं के प्रति क्यों नहीं दिखाई गई जिन्हें इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते गिरफ्तार किया गया था.
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