भारत-पाकिस्तान के बीच सार्थक कूटनीति का समर्थन करते हैं: खुफिया रिपोर्ट आने के बाद अमेरिका ने कही ये बात

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता में अमेरिका के किसी भी तरह से मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावनाओं से इनकार कर दिया.

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वाशिंगटन:

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत तथा सार्थक कूटनीति का समर्थन करता है. अमेरिका का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कहीं ज़्यादा संभावनाएं हैं कि भारत पाकिस्तान को उकसावे का जवाब सैन्य तरीके से देगा. 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वार्ता की प्रकृति के बारे में फैसला भारत-पाकिस्तान को करना है और अगर दोनों देश चाहें, तो अमेरिका इसमें अपनी भूमिका निभाने को तैयार है.

प्राइस ने हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता में अमेरिका के किसी भी तरह से मध्यस्थ की भूमिका निभाने की संभावनाओं से इनकार कर दिया.

उन्होंने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इस संबंध वे (भारत और पाकिस्तान) खुद ही फैसला कर सकते हैं. अगर वे चाहें, तो अमेरिका कोई विशेष भूमिका निभाने का तैयार है... अमेरिका दोनों देशों के भागीदार के रूप में उस प्रक्रिया का किसी भी तरह से समर्थन करने को तैयार है....''

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प्राइस से पूछा गया, ‘‘विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के पास दोनों भागीदारों के बीच मध्यस्थता करने की शक्ति व अधिकार है. पाकिस्तान और भारत आपके साझेदार हैं, तो आप एक मध्यस्थ की भूमिका क्यों नहीं निभाते?''

इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘अंतत: अमेरिका उस प्रक्रिया को निर्धारित नहीं करता, जिसके तहत भारत और पाकिस्तान एक दूसरे से वार्ता करें. हम लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत तथा सार्थक कूटनीति का समर्थन करते हैं. ''

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एक अन्य सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि भारत, अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक साझेदार है.

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए और भारत के बारे में हमारा संदेश सुसंगत है. भारत, अमेरिका का एक वैश्विक रणनीतिक भागीदार है। हमारे भारतीय भागीदारों के साथ मंत्री स्तर पर, नेता स्तर पर और सभी स्तरों पर जो संबंध रहे हैं, वे आगे बढ़ रहे हैं.  दोनों देशों के बीच पहले से ही मौजूद व्यापक संबंध और गहरे हो रहे हैं.''

प्राइस ने कहा, ‘‘ये संबंध राजनीतिक, कूटनीतिक, आर्थिक, सुरक्षा और महत्वपूर्ण रूप से लोगों के बीच मौजूद आपसी संबंध हैं.''

बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति को अमेरिकी इन्टेलिजेन्स कम्युनिटी की एनुअल थ्रेट एसेसमेंट (खतरे का सालाना आकलन) की सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते चिंता का विषय हैं, पाकिस्तान का इतिहास है कि वह भारत के खिलाफ आतंकियों का समर्थन करता है, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहले से कहीं ज़्यादा संभव है कि भारत ऐसे किसी उकसावे का जवाब सैन्य तरीके से देगा. इसके लिए कश्मीर में अनरेस्ट और भारत में आतंकी हमले फ्लैश प्वाइंट हो सकते हैं.

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