क्या अंतरिक्ष यात्री के साथ धरती पर आ सकता है कोई वायरस? 

सुनीता विलियम्स और उनकी टीम अब धरती पर वापस लौट आई है. ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के समुद्र तट पर लैंडिंग की. सभी अंतरिक्ष यात्रियों को सफलतापूर्वक बाहर भी निकाल लिया गया है.

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अंतरिक्ष से वापस लौटीं सुनीता विलियम्स

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स को लेकर NASA और SpaceX का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन कैप्‍सूल धरती पर पहुंच चुका है.SpaceX के ड्रैगन कैप्सूल में ही ये चार अंतरिक्ष यात्री बैठकर आए हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने के 17 घंटे के बाद ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा तट के पास समंदर में पैराशूट की मदद से गिरा. इसके अंदर मौजूद सभी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित हैं और अब उन्हें धरती के माहौल में ढलने के लिए कुछ समय तक एक खास जगह पर रखा जाएगा. सभी अंतरिक्ष यात्रियों का मेडिकल टेस्ट होगा. ये सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि जो लोग अंतरिक्ष से वापस आए हैं उनके साथ किसी तरह का वायरस तो नहीं आ गया है. चलिए आज हम आपको 1969 में हुए चांद मिशन के बाद जब नील आर्मस्ट्रान्ग अंतरिक्ष से वापस आए तो उन्हें क्यों और कब तक क्वारंटीन किया, इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे है.  

आपको बता दें कि 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन से चांद पर गए अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग पहले इंसान बने थे जिन्होंने चांद पर कदम रखा. उनके बाद एडविन एल्ड्रिन ने चांद पर कदम रखे. इस दौरान तीसरे अंतरिक्ष यात्री माइकल कोलिंस कमांड मॉड्यूल कोलंबिया में ही रहे और करीब 21 घंटे तक अकेले चांद का चक्कर लगाते रहे. 24 जुलाई, 1969 को जब अपोलो 11 स्पेसक्राफ्ट प्रशांत महासागर में उतरा तो तीनों ही अंतरिक्ष यात्रियों को सबसे पहले एक क्वारंटीन होम में ले जाया गया जहां उन्हें 21 दिन तक अलग रखा गया.

दरअसल कोई अंतरिक्ष यात्री पहली बार धरती के अलावा किसी और आकाशीय पिंड के सीधे संपर्क में आए थे और तब इस बात की आशंका थी कि हो सकता है चांद की सतह पर वो किसी खतरनाक सूक्ष्म जीव जैसे बैक्टीरिया, वायरस या किसी अन्य अज्ञात तत्व के संपर्क में आ गए हों जो धरती पर बाकी लोगों के लिए भी खतरनाक हो सकता हो. क्वॉरंटीन में रखने के दौरान डॉक्टरों ने लगातार तीनों अंतरिक्ष यात्रियों पर निगाह रखी. एक अलग से बनाई गई टीम ने चांद से लाई गई चट्टान और धूल पर अलग अलग परीक्षण किए ये पता लगाने के लिए उनमें कोई ऐसी चीज तो नहीं है जो धरती पर रहने वाले जीवों के लिए ख़तरनाक हो सकती हो.

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इसी दौरान नील आर्मस्ट्रॉन्ग का 39वां जन्मदिन भी आया जो क्वारंटीन में बड़े ही सामान्य तरीके से मनाया गया. उनकी सरप्राइज पार्टी में मोमबत्तियों से सजा एक केक काटा गया. इसे ह्यूस्टन में Lunar Receiving Laboratory जहां अब Johnson Space Center है वहां के स्टाफ ने तैयार किया. यहीं अंतरिक्ष यात्रियों को क्वॉरंटीन में रखा गया था. आर्मस्ट्रॉन्ग ने मोमबत्तियां बुझाने के बाद केक अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों और उनकी देखरेख में लगे स्टाफ को खिलाया. शीशे से बने पार्टिशन के उस पार दूसरे कमरे में इन अंतरिक्षयात्रियों की पत्नियों ने भी आर्मस्ट्रॉन्ग के जन्मदिन का जश्न बनाया.

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अपोलो 12 और अपोलो 14 मिशन तक चांद से लौटे अंतरिक्ष यात्रियों को क्वॉरंटीन में रखा जाता रहा. एक बार वैज्ञानिकों को यकीन हो गया कि चांद से लौटे अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ऐसी कोई चीज़ नहीं आई है जो धरती के लिए खतरनाक हो सके तो उन्हें क्वॉरंटीन में रखा जाना बंद कर दिया गया. 

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