- सूडान के दारफुर में एल फशर अस्पताल पर कब्जे के बाद 460 से अधिक लोगों की मौत हुई है
- संयुक्त राष्ट्र ने सूडान में नागरिकों और अस्पतालों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हुए हिंसा को गंभीर बताया है
- उत्तरी दारफुर में इस वर्ष की शुरुआत से लेकर अक्टूबर तक लगभग 1350 लोगों की मौत एल फशर में हुई है
सूडान के दारफुर शहर के एक अस्पताल पर अर्धसैनिक बलों के कब्जे के बीच वहां 460 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. एपी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख टेड्रोस एदोनाम गेब्रेसस के हवाले से ये जानकारी दी है, जिसमें सऊदी मैटरनिटी हॉस्पिटल में इन मौतों की बात कही है. सूडान के एल फशर में जारी बर्बर हिंसा के बीच ये दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है. संयुक्त राष्ट्र ने सूडान के एल फशर में हिंसा को लेकर चेतावनी भी जारी की है. साथ ही बेकसूर नागरिकों को निशाना बनाए जाने की निंदा की है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) ने कहा है कि सूडान में निर्दोष नागरिकों, अस्पताल जैसे सरकारी संस्थानों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर हमले निंदनीय है. इस खूनखराबे में उत्तरी दारफुर में लगभग 1850 नागरिकों की मौत हुई है. इनमें से 1350 मौतें इस साल की शुरुआत से 20 अक्टूबर तक एल फशर में हुईं.
सूडान में अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स ने कुछ हफ्तों पहले पश्चिमी दारफुर इलाके में नियंत्रण किया है. गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, सूडानी फौज की सहयोगी द ज्वाइंट फोर्सेस ने आरएसएफ पर करीब 2 हजार निहत्थे लोगों की हत्या का आरोप लगाया है. आरएसएफ की ओर से बड़े पैमाने पर नरंसहार का आरोप लगाया गया है.
वहीं आरएसएफ ने सशस्त्र गुटों को खदेड़कर शहर में आर्मी के मेन बेस पर नियंत्रण करने का दावा किया है. वहीं सूडान के आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान ने कहा है कि उनकी फौजें एल फशर शहर से हट रही हैं. आरएसएफ और सेना के बीच अप्रैल 2023 से ये गृह युद्ध चल रहा है. इसमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1.4 करोड़ लोग विस्थापित हो चुके हैं.
सूडान के दारफुर इलाके में सशस्त्र गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. इसमें लोगों को पकड़कर तुरंत फांसी देने, सुरक्षित पनाह लेने के लिए भाग रहे लोगों पर हमले और छापेमारी के बीच बहुत सारी जानें गई हैं. महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHRC) ने बेघर परिवारों को जीवनरक्षक सहायता और आवश्यक सेवाओं के लिए प्रयास कर रही है. लेकिन दारफुर इलाके में हालात बेहद खराब हैं.














