Earthquake : अफगानिस्तान और पाकिस्तान में दहशत, लोग बिना जूते-चप्पल पहने बच्चों को लेकर भागे

अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भूकंप के झटके से डरे हुए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. पाकिस्तान के रावलपिंडी में एएफपी के एक संवाददाता ने कहा, "लोग अपने घरों बाहर भागे और कुरान पढ़ने लगे."

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भूकंप के झटके से डरे हुए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. (प्रतीकात्मक)
नई दिल्ली :

Earthquake : अफगानिस्तान (Afghanistan) में आए तेज भूकंप के झटके पाकिस्तान के साथ भारत के भी कई इलाकों में महसूस किए गए. करीब 30 सेंकेड तक आए भूकंप की तीव्रता संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (United States Geological Survey) ने 6.5 आंकी है. काबुल के 50 वर्षीय निवासी खटेरा ने राजधानी में अपने पांच मंजिला अपाटमेंट से बाहर निकलने के बाद बताया, 'यह एक भयानक भूकंप था. मैंने अपने जीवन में पहले कभी ऐसा झटका महसूस नहीं किया था.' वहीं USGS ने कहा कि भूकंप पूर्वाेत्तर अफगानिस्तान में जुर्म के पास केंद्रित था और इसकी गहराई 187 किलोमीटर (116 मील) थी. 

यह क्षेत्र अक्सर भूकंपों से प्रभावित होता है - विशेष रूप से हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में, जो यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के मध्य में स्थित है. अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की रिपोर्ट नहीं है, लेकिन भूकंप अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यहां तक ​​कि भारत के कुछ हिस्सों में में भी महसूस किया गया. 

अफगानिस्तान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्वीट किया, "ईश्वर का शुक्र है, अब तक हताहतों की कोई बुरी खबर नहीं है. हमें उम्मीद है कि देश के सभी नागरिक सुरक्षित हैं." उन्होंने कहा कि देश भर के स्वास्थ्य केंद्रों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. 

पाकिस्तान में भूकंप के झटके से डरे हुए लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. पाकिस्तान के रावलपिंडी में एएफपी के एक संवाददाता ने कहा, "लोग अपने घरों बाहर भागे और कुरान पढ़ने लगे."

शहर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर इखलाक काजमी ने कहा कि उनका पूरा घर हिलने लगा.  उन्होंने कहा, 'बच्चे चिल्लाने लगे कि भूकंप आया है और हम सब भागे.'

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है.

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भूकंप के समय अफगानिस्तान में कई परिवार फारसी नव वर्ष नवरूज का जश्न मना रहे थे. घर के अंदर रहने वाले भी जल्दी से अपने घरों और अपार्टमेंट से बाहर निकल आए. एएफपी के एक संवाददाता ने कहा, "वे बिना जूते-चप्पल पहने और अपने बच्चों को हाथों में लेकर भागे." 

अफगानिस्तान में पिछले करीब ढाई दशक में सबसे घातक भूकंप पिछले साल 22 जून को पक्तिका प्रांत में आया था. 5.9 तीव्रता के भूकंप के कारण 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे. 

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पिछले महीने दक्षिणपूर्वी तुर्की और सीरिया के कुछ हिस्सों में आए भूकंप से 55,000 से अधिक लोग मारे गए थे. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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