श्रीलंका ने कई क्षेत्रों में भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है. श्रीलंकाई विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ विशेष रूप से बिजली, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और बंदरगाह शिपिंग कनेक्टिविटी के क्षेत्र में घनिष्ठ संबंध बनाने पर विचार कर रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक खास इंटरव्यू में साबरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत दनिया में सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, यह विकास पथ बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इसके साथ क्षेत्र का भी विकास होना चाहिए.
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हम अच्छा पड़ोसी चाहते हैं-श्रीलंका
अली साबरी ने जोर देते हुए कहा कि श्रीलंका को भारत (India Srilanka) में एक बड़ा अवसर दिख रहा है. उनको यकीन है कि वह कई क्षेत्रों में भारत के साथ संबंध घनिष्ठ बनाने में सफल होंगे.उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के लिए ही बेहतर होगा.साबरी ने कहा कि श्रीलंका समृद्धि, शांति, सद्भाव वाला एक अच्छा क्षेत्र चाहता है. इस सबके बीच वह अच्छा पड़ोसी भी चाहता है. अली साबरी ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत उस रास्ते पर जा रहा है और हम उनके साथ जाना चाहते हैं. श्रीलंका की मौजूदा स्थिति और भारत की हेल्प के बारे में बात करते हुए साबरी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में स्थिति काफी बेहतर हुई है.
श्रीलंका ने जताया भारत का आभार
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति कम हुई है और रुपया स्थिर हुआ है. भंडार बढ़ा है और पर्यटन बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत ने ही श्रीलंका को 3.9 अरब डॉलर की तरह-तरह की सहायता दी है. विदेश मंत्री ने भारत का आभार जताते हुए कहा कि श्रीलंका ने आज जो भी हासिल किया है, उसमें श्रेय का एक बड़ा हिस्सा भारत गर्व से ले सकता है. इसके साथ ही विदेश मंत्री साबरी ने भारत के विदेश मंत्री अली साबरी से मुलाकात पर भी खुशी जाहिर की. दोनों के बीच भारत-श्रीलंका के रिश्ते मजबूत करने पर बातचीत हुई.
भारत पहले भी करता रहा है श्रीलंका की मदद
साबरी ने एस जयशंकर को आईओआरए के लिए श्रीलंका आने का निमंत्रण दिया. दोनों ने ही संबंधों को बेहतर बनाने और देश को आगे ले जाने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का भरोसा दिया.बता दें कि भारत ने पिछले साल श्रीलंका में बिजली संकट को कम करने में मदद करते हुए 270,000 मीट्रिक टन से अधिक फ्यूल की आपूर्ति की थी. इसके साथ ही श्रीलंका ने खाना, दवाएं और अन्य जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए भारत के साथ 1 बिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन पर भी सिग्नेचर किए थे.
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