गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे श्रीलंका में मुद्रास्फीति (Inflation) का बढ़ना लगातार जारी है. अप्रैल महीने में मुद्रास्फीति एक साल पहले की तुलना में बढ़कर 33.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है. श्रीलंका (Sri Lanka) के जनगणना एवं सांख्यिकी विभाग ने मंगलवार को बताया कि अप्रैल, 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 33.8 प्रतिशत पर रही जो एक साल पहले के 5.5 प्रतिशत की तुलना में छह गुना से भी अधिक है. इसके साथ ही अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति भी 45.1 प्रतिशत के चिंताजनक स्तर पर पहुंच गई. देश में जरूरी सामानों की भारी किल्लत को देखते हुए मुद्रास्फीति में यह तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है.
इस बीच, सरकार ने पेट्रोल की खुदरा कीमत में 24.3 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 38.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी करने की घोषणा की है. ईंधन उत्पादों की भारी कमी का सामना कर रहे श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की खपत में कमी लाने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है. गत 19 अप्रैल के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में श्रीलंका सरकार ने दूसरी बार बढ़ोतरी की है. इस वृद्धि के बाद श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत 420 रुपये और डीजल की कीमत 400 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई है जो कि अबतक का सर्वोच्च स्तर है.
सरकारी पेट्रोलियम कंपनी सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने पेट्रोल के दाम में प्रति लीटर 82 रुपये और डीजल के दाम में प्रति लीटर 111 रुपये की भारी वृद्धि कर दी. ऊर्जा एवं बिजली मंत्री कंचना विजयशेखर ने ट्विटर पर कहा कि मंत्रिमंडल से स्वीकृत ईंधन कीमत-निर्धारण फॉर्मूले के आधार पर नई कीमतें तय की गई हैं.
विदेशी मुद्रा के भारी संकट के कारण ईंधन एवं खाद्य उत्पादों की भी खरीद कर पाने में श्रीलंका सरकार नाकाम हो रही है. इस बीच, भारत ने ईंधन खरीद के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा देकर किस्तों में पेट्रोल एवं डीजल की आपूर्ति की है. इस मुश्किल दौर में सात विकसित देशों के समूह जी-7 ने श्रीलंका को ऋण राहत दिलाने में मदद करने की घोषणा की है.
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