पिछले साल 7 अक्तूबर को गाज़ा की सीमा से घुसकर हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर हमला कर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया और सीमाई इलाकों में तबाही मचाने के बाद सुरक्षित अपने देश में लौट गए थे. इस घटना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया था. विश्व में एक प्रमुख सैन्य ताकत के रूप में विख्यात इजरायल को इस हमले के बारे में भनक तक नहीं लगी थी. तभी से यह माना जा रहा था कि इजरायल हमले का बदला लेगा और अमेरिका सहित कई यरोपीय देश इजरायल के पक्ष में आ गए थे. सभी से इजरायल को काफी मदद भी मिली और पिछले एक साल से भी अधिक समय से इजरायल गाज़ा पर हमले करते आ रहा है. अब खबर यह आ रही है कि इस हमले के बाद से ही स्पेन ने इजरायल के साथ अपने हथियार की खरीद और बिक्री पर रोक लगा दी थी.
स्पेन के रक्षा मंत्री ने बताया इजरायल के साथ हथियार को लेकर क्या किया
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 से, स्पेन ने इज़राइल के साथ हथियारों की बिक्री और खरीद दोनों को निलंबित कर दिया था. और तभी से कोई नया हथियार निर्यात ऑर्डर नहीं दिया गया है. इस बात की पुष्टि स्पेन की रक्षा मंत्री मार्गारीटा रोबल्स ने की है. रोबल्स ने कहा कि इजरायली हथियारों के अधिग्रहण के सभी अनुबंध फिलहाल रोके हुए हैं. हालांकि, Publico.es के अनुसार स्पेन और इजरायल के बीच पुराने अनुबंध मौजूद हैं. यह सभी हथियार उद्योग से जुड़े अनुबंध हैं.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छपी खबरों के अनुसार रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि स्पैनिश वायु सेना की परिचालन क्षमताओं को बनाए रखने के लिए पिछले वर्ष में केवल एयरोस्पेस घटकों की मरम्मत का अनुबंध किया गया था, जो अस्थायी रूप से इज़राइल को निर्यात किया गया था और मरम्मत के बाद वापस कर दिया गया था.
चल रहे अनुबंधों को निलंबित करने की मांग
बता दें कि मंगलवार को ही स्पेन के सामाजिक अधिकार मंत्री पाब्लो बस्टिंदु ने रक्षा मंत्री रोबल्स को एक पत्र भेजा, जिसमें इजरायली कंपनियों के साथ चल रहे किसी भी हथियार अनुबंध को निलंबित करने की मांग की गई है.
Publico.es के अनुसार, बस्टिंदु ने "कुछ अनुबंधों" की ओर इशारा किया जो 7 अक्टूबर के बाद से स्पेन द्वारा किसी भी नए हथियार संचालन को अधिकृत नहीं करने के बावजूद सक्रिय हैं. बस्टिंदु ने इस बात पर जोर दिया कि इज़राइल पर पूर्ण हथियार प्रतिबंध लागू करने के लिए गहन समीक्षा होनी चाहिए और नए लाइसेंसों पर रोक रहनी चाहिए.
बस्टिंदु ने सरकार को लिखे पत्र में यह मांग कि पुराने अनुबंधों को तुरंत रद्द कर दिया जाना चाहिए. उन्होंने गाजा और लेबनान में तनाव से जुड़े किसी भी रक्षा या सुरक्षा समझौते को रोकने का भी आह्वान किया. बस्टिंदु का कहना है कि इस प्रकार का कदम राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज़ की हालिया घोषणाओं के अनुरूप होगा.
एल पेस में छपी खबर के अनुसार, सांचेज़ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इज़राइल को हथियारों की आपूर्ति बंद करने का आह्वान किया है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस में, सांचेज़ ने घोषणा की कि इज़राइल के साथ स्पेन की हथियारों की बिक्री और खरीद को निलंबित कर दिया गया है. इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
इजरायल को कोई नया कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया
इस बारे में स्पेन के विदेश मामलों के मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस का कहना है कि 7 अक्टूबर के बाद से इज़राइल को कोई नया हथियार निर्यात कॉन्ट्रेक्ट दिया गया है. हालांकि पहले से अधिकृत डिलीवरी अभी भी हो सकती है.
इन दावों के बावजूद ऐसी खबरें आ रही हैं कि पहले जारी समझौते पूरे हो रहे हैं. यह दावा एल पेस ने खबर में किया है.
इजरायल के साथ अरबों की डील
डेलास सेंटर फॉर पीस स्टडीज की एक रिपोर्ट से पता चला है कि स्पेनिश रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर 2022 से इजरायली कंपनियों के साथ कुल 1.027 बिलियन यूरो के रक्षा कार्यक्रमों को मंजूरी दी है.
इसमें 576.4 मिलियन यूरो के हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (SILAM), 237.5 मिलियन यूरो के 168 स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल लॉन्चर और 207.4 मिलियन यूरो के एयर कॉम्बैट सिस्टम घटकों जैसे अनुबंध शामिल हैं. इनमें से कुछ कार्यक्रमों में इज़राइली रक्षा फर्म राफेल और एल्बिट शामिल हैं.
मीडिया में छपी खबरों के अनुसार बस्टिंदु ने सरकार को लिखे पत्र में यह भी मांग की है कि स्पेन इज़राइल के साथ हथियार सौदे से संबंधित किसी भी ऑपरेशन को रोकने के लिए "प्रभावी उपाय" करे. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि स्पेन फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों में अवैध बस्तियों में इज़राइल की गतिविधियों से संबंधित अनुबंधों को रोक दे.
इजरायल के खिलाफ स्पेन की हस्तियों की आवाज
इसके अलावा स्पेन में इजरायल की गाज़ा में जारी कार्रवाई को रोकने के लिए भी स्पेन में आवाज उठ रही है. कई हस्तियों ने सरकार से मांग की है कि वह हर स्तर पर प्रयास करे कि इजरायल के गाज़ा पर हमलों को रोका जाए.
गौरतलब है कि इजरायल के गाज़ा में पिछले एक साल से लगातार जारी हमलों में करीब 50000 फिलिस्तीनी लोगों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिनिधि ने तो इन हमलों को सदी की शर्मनाक घटना करार दिया है.