साउथ कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव जारी: 1 मार्शल लॉ, 2 महाभियोग और 6 महीने की राजनीतिक कलह की कहानी 

South Korea Presidential Election Results: ली जे-म्युंग साउथ कोरिया के अगले राष्ट्रपति बनने की रेस में काफी आगे दिख रहे हैं. यहां जानिए उनके बारे में सबकुछ.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
South Korea Presidential Election Results: ली जे-म्युंग साउथ कोरिया के अगले राष्ट्रपति बनने की रेस में आगे

South Korea Presidential Election Results: साउथ कोरिया में पिछले छह महीने से जारी राजनीतिक उथल-पुथल पर विराम लगाते हुए वहां के लोग मंगलवार को नए राष्ट्रपति के लिए मतदान कर रहे हैं. देश के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की ओर से लगाए गए मार्शल लॉ के बाद से शुरू इस राजनीतिक उथल-पुथल का रास्ता नए राष्ट्रपति के चुनाव तक पहुंचा है. अभी तक के सभी बड़े सर्वे में उदारवादी नेता ली जे-म्युंग चुनावी रेस में काफी आगे और आसानी से जीतते दिख रहे हैं. लेटेस्ट सर्वे में 49 प्रतिशत लोगों ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार के रूप में देखा है. वहीं यून सुक येओल की पूर्व पार्टी - कंजर्वेटिव पीपल पावर पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार किम मून-सू, ली जे-म्युंग से 35 प्रतिशत पीछे हैं.

चलिए आपको यहां इस चुनाव के बारे में A टू Z बताते हैं.

साउथ कोरिया में चुनाव क्यों हो रहा है? 6 महीने ऐसे मची उथल-पुथल

यह समझने के लिए आपको 6 महीने पहले ले जाना होगा. विपक्ष के साथ बजट विवाद के बाद 3 दिसंबर 2024 को तात्कालिक राषट्रपति यून ने टीवी पर आकर पूरे साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा कर दी. हथियार लिए सैनिक संसद की ओर बढ़ गए. दूसरी तरफ मार्शल लॉ के खिलाफ हजारों प्रदर्शनकारी संसद के बाहर इकट्ठा हुए और सांसदों ने 4 दिसंबर की सुबह यून की घोषणा को रद्द करने के लिए 190-0 से वोट किया.

फिर सैनिकों को पीछे हटना पड़ा और राष्ट्रपति यून को टीवी पर फिर से आकर मार्शल लॉ हटाना पड़ा. विपक्ष ने तुरंत राष्ट्रपति के महाभियोग पर जोर दिया और आधिकारिक प्रस्ताव दायर करने की कसम खाई. विपक्ष ने राष्ट्रपति यून, उनके रक्षा और आंतरिक मंत्रियों के खिलाफ "विद्रोह" की अलग-अलग शिकायतें दर्ज कीं, जिससे पुलिस जांच शुरू हो गई. 14 दिसंबर को अपनी दूसरी कोशिश में पर्याप्त सांसदों ने यून पर महाभियोग चलाने और उन्हें पद से निलंबित करने के लिए मतदान किया. साउथ कोरिया की संवैधानिक अदालत को इस मतदान पर विचार-विमर्श के लिए छह महीने का समय दिया गया. जबकि प्रधान मंत्री हान डक-सू देश के कार्यवाहक नेता बने.

लेकिन इतने भर से साउथ कोरिया की राजनीतिक कलह शांत नहीं हुई. 27 दिसंबर को सांसदों ने कार्यवाहक राष्ट्रपति हान पर भी इस बात को लेकर महाभियोग चलाया कि उन्होंने यून की जांच करने के लिए कानून में विशेष विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था. उनको पद से हटाए जाने के बाद वित्त मंत्री चोई संग-मोक ने पदभार संभाला. 14 जनवरी को संवैधानिक न्यायालय ने यून के महाभियोग की सुनवाई शुरू कर दी और अगले सप्ताहों में कुल 11 सुनवाइयां हुईं. अगले दिन उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया. 8 मार्च को अदालत द्वारा प्रक्रियात्मक आधार पर गिरफ्तारी रद्द करने के बाद यून को हिरासत से रिहा कर दिया गया. जबकि 24 मार्च को हान डक-सू देश के महाभियोग के खिलाफ फैसला सुनाने के बाद संवैधानिक न्यायालय ने उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में बहाल कर दिया.

आखिरकार 4 अप्रैल का सुप्रीम फैसला आया. संवैधानिक न्यायालय ने सर्वसम्मति से यून को बर्खास्त करने का फैसला सुनाया, जिससे यह तय हो गया कि 3 जून तक नए राष्ट्रपति चुनाव हो जाना था.

27 अप्रैल को देश की मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने पूर्व नेता ली जे-म्युंग को अपना नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए आगे किया. ली साउथ कोरिया के इतिहास में किसी भी वोट के सबसे कम अंतर से 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में यून से हार गए थे. इस बार उन्होंने "मार्शल लॉ से जुड़ी सभी ताकतों को दंडित करने" की कसम खाई है.

1 मई को कार्यवाहक राष्ट्रपति हान ने "बड़ी जिम्मेदारी लेने" के लिए इस्तीफा दे दिया. उन्होंने संकेत दे दिया था कि वो राष्ट्रपति पद के लिए अपनी बोली लगाने वाले हैं. वित्त मंत्री चोई कार्यवाहक राष्ट्रपति पद संभालने के लिए तैयार थे, लेकिन विपक्षी सांसदों द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया. आखिरकार शिक्षा मंत्री ली जू-हो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने.

Advertisement

3 मई को पीपुल्स पावर पार्टी ने पूर्व श्रम मंत्री किम मून-सू को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया. हालांकि वो ली जे-म्युंग के सामने स्पष्ट रूप से बहुत पिछे दिख रहे हैं. हर सर्वे में किम मून-सू कम से कम 10 अंकों से पीछे हैं.

कौन हैं ली जे-म्युंग?

ली जे-म्युंग मानवाधिकार वकील से राजनेता बने हैं. राष्ट्रपति पद के लिए यह ली की तीसरी दावेदारी है. वह 2022 का चुनाव यून से मामूली अंतर से हार गए थे. इससे पहले 2017 में, ली डेमोक्रेटिक पार्टी प्राइमरी में तीसरे स्थान पर रहे थे. यानी पार्टी के अंदर राष्ट्रपति उम्मवार के लिए हुए चुनाव में वो तीसरे नंबर पर रहे थे. उन्होंने दिसंबर में मार्शल लॉ लागू होने के बाद यून पर महाभियोग चलाने वाले सांसदों का नेतृत्व किया था. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, ली ने लंबे समय से एक ऐसे सत्ता-विरोधी नेता के रूप में अपनी छवि स्थापित की है जो साउथ कोरिया में गहरी जड़ें जमा चुकी असमानता और भ्रष्टाचार को खत्म कर सकता है. हालांकि, उनके आलोचक उन्हें एक लोकलुभावन व्यक्ति के रूप में देखते हैं जो विभाजन को बढ़ावा देने और विरोधियों को राक्षसी बताने पर भरोसा करता है. वे चिंता जताते हैं कि ली के शासन से साउथ कोरिया में और अधिक ध्रुवीकरण हो सकता है.

Advertisement

2005 में राजनीति में आने से पहले उन्होंने लगभग दो दशकों तक मानवाधिकार वकील के रूप में काम किया. वह सामाजिक-उदारवादी उरी पार्टी में शामिल हो गए थे - जो कोरिया की डेमोक्रेटिक पार्टी की पूर्ववर्ती है और उस समय सत्तारूढ़ पार्टी थी. ली ने पहले दक्षिण कोरिया के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत, ग्योंगगी प्रांत के गवर्नर और सेओंगनाम शहर के मेयर के रूप में काम किया था.

यह भी पढ़ें:  साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लगाने वाले राष्ट्रपति के महाभियोग पर कोर्ट की मुहर- पिछले 4 महीने में क्या हुआ?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Nikki Murder Case: Police Probing 'Last Rites' Angle