भारत में 'डेल्टा' के कारण पिछले साल जो हालात पैदा हुए, वे फिर उत्पन्न हो सकते हैं: संयुक्त राष्ट्र

रिपोर्ट में कहा गया है, ''भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था. निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं.''

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
यूएन ने कहा कि नई लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है.
संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रैल और जून 2021 के बीच कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप की घातक लहर में 2,40,000 लोगों की मौत हो गई थी तथा आर्थिक सुधार बाधित हुआ था और निकट समय में भी इसी तरह के हालात उत्पन्न हो सकते हैं.

दावा: कोरोना वैक्सीन लगने के बाद चलने और बोलने लगा 5 साल से बिस्तर पर पड़ा व्यक्ति

संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2022 रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन स्वरूप के संक्रमण की नयी लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ''भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था. निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं.''

अस्‍पताल में भर्ती मरीजों के आंकड़े से यह नहीं कह सकते कि दिल्‍ली में तीसरी लहर का 'पीक' खत्‍म हुआ : विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अवर महासचिव लियु जेनमिन ने कहा, ''कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और निरंतर वैश्विक दृष्टिकोण के बिना यह महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के समावेशी और स्थायी उभार के लिये सबसे बड़ी जोखिम बनी रहेगी.''

दिल्ली में कहीं दूसरी लहर जैसे हालात न हो जाए, बढ़ते जा रहे हैं कोरोना के मामले

Advertisement
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Parliament में धक्का-मुक्की में घायल सांसदों Pratap Sarangi और Mukesh Rajput को अस्पताल से छुट्टी
Topics mentioned in this article