सिंगापुर को 'इस्लामी उपदेशक' के समर्थकों ने दी 9/11 जैसे हमलों की धमकी... दिया 48 घंटे का समय

इंडोनेशियाई उपदेशक अब्दुल सोमाद बटुबारा (Abdul Somad Batubara) के सिंगापुर (Singapore) में प्रवेश पर पिछले सप्ताह प्रतिबंध लगा दिया गया था.  सोमाद और उनके साथ यात्रा कर रहे छह अन्य लोग 16 मई को सिंगापुर के तनाह मेराह फेरी टर्मिनल पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया था और इंडोनेशिया भेज दिया गया था.

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सिंगापुर ने इंडोनेशिया के इस्लामिक धर्मगुरू के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था (File Photo)

सिंगापुर (Singapore) के विधि एवं गृह मंत्री के. षणमुगम ने सोमवार को कहा कि इंडोनेशिया (Indonesia) के एक इस्लामी उपदेशक के समर्थकों ने सिंगापुर को ‘‘इस्लाम से घृणा करने वाला'' (Islamophobic) करार दिया है और 9/11 के आतंकवादी हमलों (Terrorist Attack) का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया मंचों पर धमकी दी है. इंडोनेशियाई उपदेशक अब्दुल सोमाद बटुबारा के सिंगापुर में प्रवेश पर पिछले सप्ताह प्रतिबंध लगा दिया गया था.  सोमाद और उनके साथ यात्रा कर रहे छह अन्य लोग 16 मई को सिंगापुर के तनाह मेराह फेरी टर्मिनल पर पहुंचे थे, लेकिन उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया था और इंडोनेशिया भेज दिया गया था.

सिंगापुर के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अगले दिन कहा था कि सोमाद को ‘‘चरमपंथी और अलगाववादी'' शिक्षाओं का प्रचार करने के लिए जाना जाता है, जो ‘‘सिंगापुर के बहु-नस्ली और बहु-धार्मिक समाज में अस्वीकार्य हैं.''

चैनल एशिया न्यूज ने बताया कि षणमुगम ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान इंस्टाग्राम के जरिए दी गई धमकी का जिक्र किया, जिसमें सिंगापुर को ‘‘इस्लाम से घृणा करने वाला देश'' बताया गया और कहा गया कि उसके नेताओं के पास मुसलमानों और इंडोनेशिया के लोगों से माफी मांगने के लिए 48 घंटे का समय है.

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इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता ने उनकी मांगों को नहीं माने जाने पर इंडोनेशिया में सिंगापुर के राजदूत को निष्कासित करने और इंडोनेशियाई कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ‘इस्लामिक डिफेंडर्स फ्रंट' सहित सैनिकों को ‘‘न्यूयॉर्क में 2001 में हुए 9/11 की तरह'' हमला करने के लिए सिंगापुर भेजने की धमकी दी.

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समाचार वेबसाइट ने बताया कि इंस्टाग्राम ने इस पोस्ट को हटा दिया है और उक्त व्यक्ति के खाते को बंद कर दिया है.

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षणमुगम से मीडिया ने जब सवाल किया कि क्या सिंगापुर के लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि धमकियों को खारिज नहीं किया जाना चाहिए.

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मंत्री ने खुलासा किया कि आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत जिन लोगों की जांच की गई, उनमें से कुछ लोग सोमाद के समर्थक थे.  उन्होंने कहा कि इसमें 17 वर्षीय एक किशोर भी शामिल है, जिसे जनवरी 2020 में हिरासत में लिया गया था.

उन्होंने बताया कि किशोर ने यूट्यूब पर आत्मघाती बम विस्फोटों के बारे में सोमाद के व्याख्यान देखे थे और वह यह मानने लगा था कि यदि वह इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ेगा और एक आत्मघाती हमलावर बनेगा, तो वह एक शहीद के रूप मे मरेगा.

षणमुगम ने कहा कि इससे पता चलता है कि ‘‘सोमाद के उपदेशों का वास्तव में असर पड़ता है.''

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