- कैलिफोर्निया में 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर को 30 वर्षों बाद इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में लिया गया.
- हरजीत कौर ने 1992 में भारत से अमेरिका आकर नियमित रूप से ICE कार्यालय में रिपोर्ट किया.
- ICE ने कौर को आश्वासन दिया था कि वर्क परमिट के साथ वह अमेरिका में निगरानी में रह सकती हैं.
अमेरिका में कोई इंसान 30 साल रहने के बाद अवैध पाया जाए और उसे हिरासत में ले लिया जाए. भले यह बात पहली नजर में चौंकाती हो लेकिन अमेरिका के कैलिफोर्निया में ठीक यही हुआ है. कैलिफोर्निया में एक 73 वर्षीय सिख महिला को इमिग्रेशन अधिकारियों ने उस समय हिरासत में ले लिया, जब वह अमेरिकी एजेंसी के साथ रेगुलर चेक-इन के लिए गई थीं. इसका उनके परिवार और समुदाय के सदस्यों के बीच विरोध हो रहा है और इससे चिंताएं पैदा हो गईं.
एक नॉन-प्रॉफिट न्यूज पोर्टल, बर्कलेसाइड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हरजीत कौर 30 से अधिक वर्षों से नॉर्थ कैलिफोर्निया के पूर्वी खाड़ी में रह रही हैं. उनको आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक नियमित जांच के दौरान हिरासत में लिया था.
रिपोर्ट में कहा गया, "उन्हें बेकर्सफील्ड के एक हिरासत केंद्र में ले जाया गया."
कैसे भारत से अमेरिका पहुंची हरजीत कौर?
ABC7News की एक रिपोर्ट के अनुसार, हरजीत कौर का कोई डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया गया था. यानी उनके पास अमेरिका में रहने का कागज नहीं है. वह 1992 में दो बेटों की मां के रूप में भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका आईं. उनकी बहू मंजी कौर ने कहा कि उनके असाइलम केस को 2012 में अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन तब से उन्होंने 13 साल से अधिक समय तक हर छह महीने में सैन फ्रांसिस्को में ICE के पास जाकर "ईमानदारी से रिपोर्ट" की है.
बर्कलेसाइड की रिपोर्ट में कहा गया है कि "ICE ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह वर्क परमिट के साथ अमेरिका में निगरानी में रह सकती है जब तक कि वे उनके यात्रा दस्तावेज (ट्रेवल डॉक्यूमेंट) प्राप्त नहीं कर लेते." शुक्रवार को कौर के परिवार, इंडिविजिबल वेस्ट कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी और सिख सेंटर द्वारा विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अमेरिकी प्रतिनिधि जॉन गारमेंडी के स्टाफ के सदस्य, स्थानीय निर्वाचित अधिकारी और अन्य राजनीतिक नेता भी शामिल हुए.
नकी पोती सुखदीप कौर ने कौर को "स्वतंत्र, निस्वार्थ, मेहनती" बताया और उन्हें [समुदाय के लिए] "मां जैसी" कहा. सुखदीप कौर ने कहा, ''हम सभी सदमे की स्थिति में हैं.'' रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके परिवार ने उनके स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया कि इस उम्र में थायरॉयड रोग, माइग्रेन, घुटने के दर्द और चिंता जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हिरासत में लिए जाने से उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है.