कहां गायब हो गए 600 लोग? - बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद राजनीतिक कैदियों को तलाश रहे हैं परिजन

बांग्लादेश (Bangladesh) में तख्तापालट के बाद कई राजनीतिक कैदियों को जेल से रिहा किया गया है. कई संगठन उन लोगों को तलाश कर रहे हैं जिन्हें शेख हसीना की सरकार के दौरान गिरफ्तार किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

बांग्लादेश (Bangladesh) में व्यापक आंदोलन के बाद शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने प्रधानमंत्री पद और देश छोड़ दिया. शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अब अवामी लीग की सरकार के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों के परिजन उन्हें खोज रहे हैं. कई ऐसे लोग हैं जिन्हें गुप्त रूप से जेल में बंद कर के रखा गया था. कैदियों के परिवार वाले अपने रिश्तेदारों की खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद कुछ राजनीतिक बंदियों को रिहा कर दिया गया है. 

राजनीतिक कैदी कहां हैं?
शेख हसीना की सरकार के द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों कि रिहाई के लिए काम करने वाली संस्था की संजीदा इस्लाम तुली ने कहा, "हमें जवाब चाहिए" कि वो राजनीतिक कैदी कहां हैं? अधिकार समूहों ने हसीना के सुरक्षा बलों पर लगभग 600 लोगों का अपहरण करने और गायब करने का आरोप लगाया है. जिनमें मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और देश की सबसे बड़ी प्रतिबंधित इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के कई लोग शामिल थे. 

संजीदा इस्लाम तुली ने एएफपी को बताया कि कम से कम 20 परिवार उत्तरी ढाका के पड़ोस में एक सैन्य खुफिया बल की इमारत के बाहर इकट्ठा हुए, अपने रिश्तेदारों की खबर का इंतजार कर रहे थे. 

बताते चलें कि सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने सोमवार को घोषणा की कि हसीना ने हफ्तों के विरोध प्रदर्शन के बाद इस्तीफा दे दिया है, और सेना एक कार्यवाहक सरकार बनाएगी.  कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने सेना प्रमुख के साथ बैठक के बाद - कहा कि छात्र विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों, साथ ही प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का निर्णय लिया गया है. 

Advertisement
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष, 78 वर्षीय पूर्व प्रधान मंत्री जिया का स्वास्थ्य खराब है और 2018 में भ्रष्टाचार के आरोप में 17 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें घर में ही नजरबंद कर दिया गया था. 

कई  हाई प्रोफाइल लोगों को किया गया रिहा
शेख हसीना की सरकार के जाने के बादमंगलवार को रिहा किए गए लोगों में सबसे हाई प्रोफाइल लोगों में विपक्षी कार्यकर्ता और वकील अहमद बिन कासेम, जमात-ए-इस्लामी के मारे गए नेता मीर कासेम अली के बेटे थे. पारिवारिक मित्र और रिश्तेदार मासूम खलीली ने एएफपी को बताया, "उन्हें आज सुबह गुप्त हिरासत से रिहा कर दिया गया." "उनका मेडिकल चेकअप कराया गया, उनकी हालत स्थिर है. "

Advertisement

ब्रिटिश-शिक्षित बैरिस्टर कासेम का अगस्त 2016 में कथित तौर पर सादे कपड़ों में सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण कर लिया गया था.  हसीना के शासन के दौरान सुरक्षा बलों पर हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने,  मुठभेड़ों में सैकड़ों लोगों की हत्या करने और उनके नेताओं और समर्थकों को गायब करने का आरोप लगा था. 

Advertisement

600 से अधिक लोगों को गायब करने का लगा था आरोप
ह्यूमन राइट्स वॉच ने पिछले साल कहा था कि 2009 में हसीना के सत्ता में आने के बाद से सुरक्षा बलों ने "600 से अधिक लोगों को गायब किया है", और लगभग 100 का अब तक पता नहीं चल पाया है.  हसीना की सरकार ने गायब होने और न्यायेतर हत्याओं के आरोपों से इनकार किया और कहा कि लापता लोगों में से कुछ यूरोप पहुंचने की कोशिश के दौरान भूमध्य सागर में डूब गए थे. तुली ने कहा, "हमने सुना है कि अहमद बिन कासिम को रिहा कर दिया गया है, लेकिन दूसरों का क्या हुआ?"

Advertisement

ये भी पढ़ें-: 

Featured Video Of The Day
France Prime Minister François Bayrou की पोल रेटिंग फ़्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron के लिए झटका
Topics mentioned in this article