अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को कार बम पर अमेरिकी ड्रोन हमले (US Drone Strike) के बाद सोमवार सुबह काबुल पर कई रॉकेट मंडराते हुए देखे गए. प्रत्यक्षदर्शियों और सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, कई रॉकेट काबुल एयरपोर्ट पर भी फायर किए गए. न्यूज एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी. एयरपोर्ट के पास कई जगहों पर धुंआ उठता हुए देखा गया. एयरपोर्ट पर लगे मिसाइल डिफेंस सिस्टम द्वारा रॉकेट को इंटरसेप्ट किए जाने की भी जानकारी मिली है. हमले में किसी के हताहत होने की जानकारी मिली नहीं है.
स्थानीय लोगों ने काबुल हवाईअड्डे पर लगी मिसाइल रक्षा प्रणाली की आवाज सुनी. स्थानीय लोगों ने सड़क पर छर्रे गिरने की भी सूचना दी है. कहा जा रहा है कि एयरपोर्ट के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने कम से कम एक रॉकेट को इंटरसेप्ट किया है. रॉकेट हमले में किसी के हताहात होने की सूचना अभी तक नहीं है.
अफगानिस्तान की पूर्व सरकार में काम करने वाले एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि इन रॉकेट्स को शहर के उत्तरी हिस्से से एक वाहन से फायर किया गया था. यह रॉकेट किसकी ओर से दागे गए हैं इसकी जानकारी अभी नहीं हुई है. यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब अमेरिका अपने लोगों और अफगानियों को निकालने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है.
बता दें कि अमेरिका ने रविवार को ड्रोन से काबुल एय़रपोर्ट की ओर बढ़ रही विस्फोटक से भरी एक कार को निशाना बनाया और धमाके के साथ इसे उड़ा दिया. इससे बड़ा हादसा टल गया. यह संभवतः दूसरा आत्मघाती हमला था. तालिबान ने भी इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा है कि काबुल एयरपोर्ट की ओर आत्मघाती हमला करने की ओर बढ़ रही एक कार को नष्ट कर दिया गया है.
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अमेरिका ने इस ड्रोन स्ट्राइक को राष्ट्रपति जो बाइडन की चेतावनी के कुछ घंटों बाद अंजाम दिया. बाइडन ने काबुल एयरपोर्ट पर 24 से 36 घंटों में एक और आत्मघाती हमला होने की चेतावनी दी थी. पिछले हफ्ते गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर हुए दो बम धमाकों में 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है. इसमें 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं.
व्हाइट हाउस (White House) ने पुष्टि की है कि एयरपोर्ट पर निशाना साधते हुए रॉकेट हमला किया गया था, लेकिन इसे विफल कर दिया गया. अमेरिकी सेना का कहना है कि काबुल एय़रपोर्ट से अब तक 1 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. जबकि बाकी बचे दो दिनों में अमेरिकी सैनिकों समेत यह अभियान पूरा कर लिया जाएगा. दरअसल, अमेरिका ने 9 11 के बाद तालिबान (Taliban) के खिलाफ अफगानिस्तान में हमला बोल दिया था. लेकिन 20 साल बाद तालिबान ने दोबारा काबुल, कंधार समेत सभी बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है.
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