यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के आक्रमण को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. युद्ध (War) अब देश के पूर्वी हिस्से में केंद्रित हो गया है, रूसी सेनाएं डोनबास (Donbass) क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत बनाती जा रही हैं. एक मौका ऐसे दिन आया है जब कीव ने घोषणा की है कि अब क्रीमिया और डोनबास के कुछ हिस्सों समेत उसकी पांचवी यूक्रेनी सीमा अब रूस के कब्जे में हैं. राजधानी कीव (Kyiv) से से पीछे हटाए जाने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की सेनाओं ने पूर्व यूक्रेन पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इससे यह खतरा बढ़ गया है कि युद्ध लंबा चलेगा.
यूक्रेन में सबसे भयानक युद्ध अब डोनबास के सेवेरोदोनेत्सक (Severodonetsk) में केंद्रित हो चुका है. डोनबास का 80% इलाका अब रूस के कब्जे में है लेकिन यूक्रेनी सेनाएं पूरी ताकत से उन्हें रोक रही हैं.
राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने गुरुवार देर शाम कहा कि यूक्रेनी सेनाओं को लुहांस्क क्षेत्र के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में कुछ सफलता मिली लेकिन अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाज़ी होगी, यह इस समय सबसे मुश्किल इलाका है."
लुहांस्क क्षेत्र के गवर्नर सेरगेई गाएडे ने रूसी सेना पर अस्पतालों, स्कूलों और रोड्स नष्ट करने का आरोप लगाते हुए टेलीग्राम पर कहा कि "100 दिनों से वो सब कुछ ध्वस्त कर रहे हैं. लेकिन हम केवल और मजबूत हो रहे हैं. दुश्मन की घृणा और हमारी जीत का विश्वास हमें अटूट बनाता है."
जबसे रूस ने 24 फरवरी को घुसपैठ शुरू की थी, तब से हजारों लोग मारे जा चुके हैं और कई लाखों को भागने पर मजबूर होना पड़ा है, जबकि ज़ेलेंस्की ने कहा कि करीब 100 यूक्रेनी सैनिक युद्ध क्षेत्र में हर दिन मर रहे हैं.
सेवेरोदोनेत्स्क एज़ोट की फैक्ट्री, यूरोप का सबसे बड़ा कैमिकल प्लांट है. इशे रूसी सेना ने निशाना बनाया और उस वेयरहाउस में आग लगा दी जहां मेथेनॉल स्टोर कर रखी हुई थी.
यूएनएचसीआर ने अनुमान जताया है कि यूक्रेन में 70 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, खासकर वे लोग जो पूर्वी यूक्रेन में भीषण लड़ाई से बचकर पश्चिमी शहर ल्वीव गए हैं और राजधानी कीव की घेराबंदी के दौरान बच कर भागे हैं.
शरणार्थी हुए और देश में ही विस्थापित हुए लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी का एक चौथाई है.
अपने तबाह हुए घरों और समुदायों में अब भी बहुत से लोग फंसे हुए हैं। इसका मतलब है कि वे बिना घर-बार छोड़े ही विस्थापित हो गए हैं.