रूस-यूक्रेन ( Russia-Ukraine) के संकट को हल करने के लिए अब फ्रांस (France) कमर कस रहा है. फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रां को विश्वास है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन( Vladimir Putin)से मुलाकात के दौरान वो पूर्वी यूरोप ( Eastern Europe) के इस संकट का "एतिहासिक हल" ढूंढ लेंगे. द गार्डियन के अनुसार इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से साथ बातचीत की गई है और पुतिन के साथ तीन बार फोन पर बात की गई. मैक्रां सोमवार को यूक्रेन की पूर्वी सीमा पर तनाव कम करने की कोशिश में मास्को में पुतिन से मुलाकात करेंगे.
वहीं जर्मनी (Germany) के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ ( Olaf Scholz) वॉशिंगटन जाएंगे अमेरिका (US) और नाटो (Nato) सहयोगियों को यह भरोसा दिलाने के लिए कि यूक्रेन संकट को लेकर उस पर भरोसा किया जा सकता है. इस बीच जर्मनी लिथुआनिया में सैन्य बल बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. जर्मनी और रूस ख़ास तौर से नॉर्ड स्ट्रीम 2 (Nord Stream2 ) गैस पाइपलाइन पर करीबी व्यापारिक संबंध रखते हैं.
उधर यूक्रेन के पूर्व रक्षा मंत्री एन्ड्री जेगोरोड्नुक (Andriy Zagorodnyuk ) ने द गार्डियन को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हालात बहुत खराब हैं. रूस अब यूक्रेन में किसी भी शहर पर कब्जा कर सकता है. लेकिन पूरे यूक्रेन पर कब्जे के लिए रूस को 2 लाख सैनिकों को ज़रूरत होगी. जो कि अभी तैनात नहीं है. पूरे यूक्रेन पर कब्जे के लिए जितने बल की ज़रूरत है फिलहाल रूस ने उसका 70% तैनात कर दिया है. "
रूस यूक्रेन पर हमले की योजना से इंकार करता है लेकिन रूस के 1,45, 000 सैनिक यूक्रेन की सीमा पर तैनात हैं. इस कारण अमेरिका को भी नाटो की पूर्वी यूरोप की कमानों में पोलैंड और रोमानिया में 3000 और सैनिक तैनात करने पड़े.
अमेरिका का मानना है कि रूस फरवरी के मध्य में यूक्रेन पर हमला कर सकता है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा कि यूक्रेन पर रूस "कल भी हमला" कर सकता है.
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