यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) जो बाइडेन (Joe Biden) ने अमेरिकियों से एक बार फिर तुरंत यूक्रेन छोड़ने को कहा है. रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास गोला-बारूद का प्रयोग (Live Fire) कर सैन्य अभ्यास (Military Practice) शुरू कर दिया है. NBC न्यूज़ के मुताबिक बाइडेन ने एक रिकॉर्डेड इंटरव्यू में कहा, "सभी अमेरिकियों को तुरंत यूक्रेन छोड़ देना चाहिए. हमें यहां दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक से चुनौती मिल रही है. चीज़ें बहुत जल्दी बिगड़ सकती हैं." बाइडेन ने एक बार फिर दोहराया कि किसी भी हालत में अमेरिका अपनी सेना को यूक्रेन में नहीं भेजेगा, यहां तक कि रूसी आक्रमण के बाद यूक्रेन से अमेरिकियों को बचाने के लिए भी नहीं.
बाइडेन ने कहा, "वह विश्व युद्ध होगा. जब अमेरिका और रूसी एक दूसरे पर गोलियां बरसाना शुरू करेंगे. हम एक बहुत अलग दुनिया में हैं."
यूक्रेन के बॉर्डर पर मौजूद देश बेलारूस में फायर ड्रिल के लिए रूस की तरफ से टैंक उतारतने के बाद बाइडेन का यह बयान आया है. अमेरिका केवल NATO के झंडे तले यूरोप के कई देशों में अपने बलों की तैनाती बढ़ा रहा है. NATO ने रूस को ऐसा करने के खिलाफ चेतावनी दी थी. इससे पश्चिमी देशों पर युद्ध को टालने की तत्परता दिखाने का बोझ और बढ़ गया है.
अमेरिकी का कहना है कि यूक्रेन में रूस की घुसपैठ का खतरा और बढ़ गया है. यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच शीत युद्ध (Cold War) के बाद सबसे अधिक तनाव बढ़ गया है. अमेरिका का अनुमान है कि करीब 130,000 रूसी सैनिक कई युद्धक टुकड़ियों के साथ यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात हैं.
हाल ही में NATO के सेक्रेट्री जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने ब्रिटेन (UK) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन (Boris Johnson) के साथ की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि यूरोप इस समय खतरनाक मोड़ पर है. उन्होंने कहा, "हम बेलारूस में रूसी सेनाओं की तैनाती पर करीब से नजर रखे हैं, यह शीत युद्ध के बाद सबसे अधिक है."
अमेरिका (US) ने पहले यह दावा भी किया था कि यूक्रेन पर हमले के लिए रूस बड़ा षड़यंत्र रच रहा है. अमेरिका का कहना है कि रूस यह दिखाएगा कि पहले यूक्रेन की तरफ से रूस पर हमला हुआ औ फिर जवाबी कार्रवाई में उसने यूक्रेन पर हमला किया. अमेरिका ने क्रेमलिन पर आरोप लगाया था कि रूस, यूक्रेन की सेना के एक फर्जी हमले (Fake Attack) की साजिश रच रहा है, ताकि इसके जवाब में मास्को इस पड़ोसी देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सके.