UN की सुरक्षा परिषद में Ukraine पर भिड़े US-Russia, भारत ने मतदान से बनाई दूरी

UN में रूस ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में बहस करवा कर "बिना मतलब के विवाद" को बढ़ावा दे रहा है. वहीं अमेरिकी प्रतिनिधि ने यूक्रेन की सीमा पर रूसी सेनाओं की तैनाती के हवाले से UNSC में यूक्रेन पर बहस को उचित ठहराया. 

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Ukraine पर रूस के आक्रमण की आशंकाओं पर UNSC में हुई चर्चा ( प्रतीकात्मक तस्वीर)

पूर्वी यूरोप( Eastern Europe) के देश यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले (Russian Attack) की चिंताओं के बीच अमेरिका (US) ने एक बार फिर कहा यूक्रेन की सीमाओं पर रूसी सेनाएं एक खतरा हैं. वहीं यूक्रेन और रूस दोनों ही देश "हमले के डर का माहौल" बनाने के पक्ष में नहीं हैं. यूक्रेन की सीमाओं के पास एक लाख सैनिकों के जमावड़े के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय परिषद (UN Security Council) की एक बैठक हुई. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वेस्ली नेबेन्ज़िया (Vasily Nebenzya) ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में बहस करवा कर "बिना मतलब के विवाद" को बढ़ावा दे रहा है.  यूक्रेन के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में हुई बहस का बचाव करते हुए अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड (Linda Thomas-Greenfield) ने कहा कि यूक्रेन की सीमा पर रूस की तरफ से एक लाख सैनिकों की तैनाती सुरक्षा परिषद में यूक्रेन मुद्दे पर बहस को उचित ठहराती है. 

CNN न्यूज़ के मुताबिक इससे पहले यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्डिमिर ज़ेलेन्सकी ( Volodymyr Zelensky) ने शुक्रवार को कहा था कि कहा कि विश्व के नेताओं के तरफ से यूक्रेन पर हमले की संभावना की बात बार-बार यह दोहराने से डर का माहौल बन रहा है और इससे अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है. विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन के लिए लंबे समय से एक खतरा रहा है और यूक्रेनी लोगों ने इस खतरे के साथ जीना सीख लिया है. 

यूक्रेन की सीमाओं पर रूस की कार्रवाई ने आक्रमण की आशंकाओं को बढ़ा दिया है. हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया कि वह हमले की योजना बना रहा है.

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बैठक से पहले परिषद के स्थायी और वीटो (Veto)- अधिकार प्राप्त सदस्य रूस ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियात्मक वोट ( Procedural Vote) का आह्वान किया कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए. अमेरिका के अनुरोध पर हुई बैठक को आगे बढ़ाने के लिए परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी.

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भारत ने नहीं किया मतदान

रूस (Russia) और चीन (China) ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत (India), गैबॉन  और केन्या ने भाग नहीं लिया. फ्रांस(France) , अमेरिका (US) और ब्रिटेन (UK) सहित परिषद के बाक़ी सभी सदस्यों ने बैठक के चलने के पक्ष में मतदान किया.

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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने परिषद में कहा कि भारत रूस और अमेरिका के बीच चल रही उच्च-स्तरीय सुरक्षा वार्ता के साथ-साथ पेरिस में नॉरमैंडी प्रारूप के तहत यूक्रेन से संबंधित घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है.  

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तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र तथा उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो.''

उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचा जाना चाहिए.''

( समाचार एजेंसी भाषा और AFP के इनपुट्स के आधार पर) 


 

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