रूस (Russia) ने कहा है कि S-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली की आपूर्ति भारत (India) को पश्चिमी देशों (Western Countries) के प्रतिबंधों (Sanctions) के बावजदू बिना किसी बाधा के होगी. रूस के मनोनीत राजदूत डेनिस अलीपोव ने मीडिया सम्मेलन में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि S-400 सौदे पर हम आश्वस्त कर दें कि इस पर किसी भी तरीके से असर नहीं पड़ेगा, यह 100 फीसदी आश्वासन है. अलीपोव ने कहा कि जहां तक संपूर्ण व्यापार और आर्थिक सहयोग का संबंध है, तो हम देखेंगे कि जो कठोर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, उनका आखिरकार क्या असर पड़ेगा.
द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंधों के असर के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा कि यह ‘‘भारतीय साझेदारों'' के भागीदारी जारी रखने की तत्परता पर निर्भर करेगा. यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन में संघर्ष का भारत को अहम रक्षा उपकरण की आपूर्ति करने पर असर पड़ेगा रूस ने यह जवाब दिया.
इस पर राजदूत ने कहा कि प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए तंत्र बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘रूस हमेशा राख से उठा है. यह एक बार फिर उठेगा. इसमें कोई शक नहीं है. हमने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर है.''
गौरतलब है कि अमेरिका ने रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से काटने के लिए कई सख़्त प्रतिबंध लगाए हैं. रूस के खिलाफ ये कदम यूक्रेन पर हमले की सजा देने के लिए उठाया गया है. कई यूरोपीय देशों ने भी रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) का प्रशासन अब इस बारे में विचार कर रहा है कि रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम (Missile Defense System) खरीदने को लेकर भारत पर, अमेरिका के CAATSA नियमों के अंतर्गत प्रतिबंध (Sanction) लगाया जाए या नहीं. इसमें अमेरिका के लिए खतरा बने देशों पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं और उन देशों पर भी जो इनसे हथियार खरीदते हैं.
Ukraine Crisis के बीच India ने UN में Russia के खिलाफ निंदा प्रस्ताव में हिस्सा नहीं लिया था. बाइडेन प्रशासन अब इस बारे में विचार कर रहा है कि रूस से S-400 डिफेंस सिस्टम खरीद को लेकर भारत पर प्रतिबंध को लेकर क्या फैसला किया जाए. अमेरिका के डिप्लोमैट डोनाल्ड लू ने बुधवार को यह जानकारी दी.
लू की टिप्पणी अमेरिकी सांसदों की तरफ से भारत की आलोचना के बाद आई है. अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन और सत्ताधारी डेमोक्रैट दोनों पार्टियों ने "अमेरिका के साथ भारत के संबंधों पर" के चर्चा के बाद इस मुद्दे पर बात की. भारत उन 35 देशों में शामिल है जिन्होंने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा के लिए किए गए वोट से बाहर रहने का फैसला किया था.