रूसी और यूक्रेनी युद्ध के बीच आज दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस्तांबुल में दूसरे दौर की बातचीत एक घंटे से अधिक समय तक चली. बैठक चिरागन पैलेस में लगभग 14:43 बजे शुरू हुई और 15:57 बजे समाप्त हुई. इस बैठक में एक बार फिर यूक्रेन ने बिना 30 दिनों के सीज़फायर का प्रस्ताव रखा, जिसे रूस की तरफ से नकार दिया गया. यूक्रेन ने एक बार फिर रूस पर युद्ध को लंबा खींचने का आरोप लगाया.
इस्तांबुल शांति वार्ता में रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा कि मॉस्को ने यूक्रेन के साथ अग्रिम मोर्चे के कुछ क्षेत्रों में 2-3 दिनों के लिए युद्ध विराम की घोषणा करने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि इस बैठक में एक बार फिर युद्धबंदियों की अदलाबदली पर सहमति बनी है. यूक्रेनी रक्षामंत्री उमरोव के मुताबिक- कैदियों की अदला-बदली पर दोनों देश सहमत हो गए हैं, इसका ब्योरा जल्द सामने आएगा. जानकारी मिली है कि रूस यूक्रेन के मारे गए छह हजार सैनिकों के शव भी लौटाएगा. रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेदिंस्की ने कहा कि कई इलाकों में दो तीन फ्रंटलाइन पर कुछ दिनों का सीजफायर हो ताकि युद्धबंदियों के शव सौंपे जा सके.
यूक्रेन के रक्षा मंत्री उमरोव ने इस्तांबुल में रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत के बाद ये भी कहा कि यूक्रेन और रूस सभी गंभीर रूप से बीमार युद्धबंदियों के साथ-साथ 25 वर्ष से कम आयु के युद्धबंदियों की अदला-बदली करने पर सहमत हो गए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख येरमक के मुताबिक- इस बैठक के दौरान यूक्रेनी पक्ष ने उन यूक्रेनी बच्चों की सूची सौंपी, जिन्हें वापस करने की मांग यूक्रेन लगातार करता रहा है हालांकि रूप से प्रतिनिधिमंडल इस बात के लिए तैयार नहीं हुआ है.
बैठक के बाद यूक्रेन की तरफ से कहा गया कि रूस ने अपना मेमोरेंडम बैठक शुरू होने के बाद ही सौंपा इसलिए उसका अध्ययन किया जाएगा और फिर उस पर यूक्रेन अपने रुख के साथ सामने आएगा.
अगले दौर की बातचीत के बारे में पूछे जाने पर यूक्रेन की तरफ से कहा गया कि रूस की तरफ से पेश शर्तों के अध्ययन के बाद ये तय हो पाएगा. यूक्रेन ये भी चाहता है कि दोनों देशों के नेताओं के बीच सीधी बातचीत हो, क्योंकि सीजफायर का आखिरी फैसला इन दोनों को ही करना है. बैठक के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि युद्धबंदियों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिनकी जल्द अदलाबदली होगी.
बता दें कि सीधी बातचीत की पेशकश रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तरफ से आई थी जिसे लेकर जलेंस्की तैयार हो गए थे और उन्होंने मांग की थी कि वह सीधे पुतिन से बात करना चाहते हैं, लेकिन पहले दौर की बातचीत के लिए वह इस्तांबुल नहीं आए हालांकि जेलेंस्की पहुंच गए थे. इस पूरी कवायद में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत शुरू हुई है, जिसका ये दूसरा दौर था. पहली बैठक 16 मई को हुई थी.