भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, कतर में फांसी की सजा पाए 8 भारतीय रिहा

Qatar Indian Navy Personnel: इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद दोहा ने पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम कर के जेल की सजा में बदल दिया था. 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

8 में से 7 पूर्व नौसेना कर्मचारी भारत लौट चुके हैं : विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली:

Qatar News: कतर ने जेल में बंद उन आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को रिहा कर दिया है, जिन्हें करीब साढ़े तीन महीने पहले संदिग्ध जासूसी के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी. यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि रिहा किए गए आठ भारतीयों (Indian Navy) में से सात भारत लौट आए हैं और देश अपने नागरिकों की रिहाई तथा उनकी घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करता है. 

विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को संभव बनाने के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं."

नौसेना के पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. खाड़ी देश की अपीलीय अदालत ने 28 दिसंबर को मृत्युदंड को कम कर दिया था और पूर्व नौसैन्य कर्मियों को अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई थी. निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था.

Advertisement

पीएम मोदी की कतर अमीर से मुलाकात के बाद मिली राहत

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की थी और द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में रहने वाले "भारतीय समुदाय की भलाई" पर चर्चा की थी. पीएम मोदी 1 दिसंबर 2023 को COP28 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. 

Advertisement
Advertisement

अगस्त 2022 में 8 पूर्व नौसेना कर्मियों को किया गया था गिरफ्तार

नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. ये सभी भारतीय नागरिक दहारा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे. हालांकि, उन पर लगे आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था. 

Advertisement

मौत की सजा को कम कर सुनाई थी जेल की सजा

विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस बयान में कहा था कि, इससे पहले कतर की अदालत ने मामले में आठ पूर्व कर्मियों की मौत की सजा को कम कर दिया था और उन्हें अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा में तबदील कर दिया था. फैसले के बारे में बताते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा था, ''हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं. विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि मामले में विस्तृत फैसले का इंतजार है और वह कतर में कानूनी टीम के साथ निकटता से संपर्क बनाए हुए है.''

सजा पर अपील के लिए मिला था 60 दिन का समय

विदेश मंत्रालय के नवनियुक्त प्रवक्ता जयसवाल ने कहा था कि ''मामले पर उन्हें कतर की सर्वोच्चतम न्यायालय ''कोर्ट ऑफ कैसेशन'' में अपील करने के लिए 60 दिन का समय मिला है. विदेश मंत्रालय की कानूनी टीम के पास गोपनीय अदालती आदेश भी है जिसमें मौत की सजा को कारावास की शर्तों में बदलने का विवरण दिया गया था. कतर की अदालत ने मौत की सजा को कारावास में बदलने के इस फैसले को 28 दिसंबर 2023 को सुनाया था. 

ये भी पढ़ें :-