श्रीलंका के आर्थिक संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन, पांच प्रमुख बातें

श्रीलंका की राजधानी में 2000 से अधिक लोगों ने विरोध मार्च निकाला और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के घर के बाहर पुलिस से भिड़ गए

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कोलंबो में विरोध प्रदर्शन करते हुए लोग.
कोलंबो:

स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका में मंदी के सबसे खराब हालात देखे जा रहे हैं. सबसे आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने के लिए विदेशी मुद्रा की भारी कमी से आर्थिक संकट पैदा हो गया है. विदेशी मुद्रा की कमी के कारण यह द्वीप देश के लिए ईंधन शिपमेंट का भुगतान करने में असमर्थ है. वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से सहायता लेने के लिए तैयार है.


श्रीलंका के आर्थिक संकट पर पांच मुख्य बातें :

राष्ट्रपति आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन
श्रीलंका की राजधानी में 2000 से अधिक लोगों ने विरोध मार्च निकाला और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के घर के बाहर पुलिस से भिड़ गए. राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोलने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

"पागल घर जाओ"
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में लोग "पागल, पागल घर जाओ" चिल्लाते हुए और ताकतवर राजपक्षे परिवार के सभी सदस्यों से पद छोड़ने की मांग करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

राष्ट्रपति के बड़े भाई महिंदा प्रधानमंत्री हैं जबकि सबसे छोटे तुलसी के पास वित्त विभाग है. सबसे बड़े भाई चमल कृषि मंत्री हैं जबकि भतीजे नमल खेल के लिए कैबिनेट पद पर हैं.

डीजल उपलब्ध नहीं
गुरुवार को पूरे श्रीलंका में डीजल बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं था जिससे संकटग्रस्त देश के दो करोड़ 20 लाख लोगों का परिवहन ठप हो गया. रिकॉर्ड-लंबे संमय तक बिजली  ब्लैकआउट रहा. पेट्रोल की बिक्री हो रही थी, लेकिन कम बहुत मात्रा में. लंबी कतारों में लगे वाहन चालकों को अपनी कारों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

ईंधन की कमी से बसें प्रभावित
डीजल की कमी से हाल के दिनों में पूरे श्रीलंका में आक्रोश फैल गया है. हालांकि गुरुवार की घटनाओं से पहले विरोध कस्बों में हुआ था और इसमें किसी शीर्ष नेता को निशाना नहीं बनाया गया था.

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परिवहन मंत्री दिलम अमुनुगामा ने कहा, "हम गैरेज में मरम्मत के लिए खड़ी बसों से डीजल निकाल रहे हैं और उस डीजल का उपयोग सेवा योग्य वाहनों को संचालित करने के लिए कर रहे हैं."

निजी बसों के मालिक, जो देश में दो-तिहाई बसें संचालित करते हैं, ने कहा कि वे पहले से ही तेल की कमी के संकट से घिरे हैं और शुक्रवार के बाद कोई भी सेवा देना संभव नहीं हो सकेगा.

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बिजली की कमी
श्रीलंका में बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट बंद की रखी जा रही हैं. एक मंत्री ने गुरुवार को यह बात कही. राज्य बिजली एकाधिकार ने भी 13 घंटे बिजली कटौती लागू की है क्योंकि उसके पास जनरेटर के लिए डीजल नहीं है.

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