कैथोलिक चर्च के सदस्यों और पादरियों द्वारा बाल यौन शोषण के कई मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी समेत कई देशों की चर्चों में बाल यौन शोषण के मामलों ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए. अब पुर्तगाल में कैथोलिक पादरियों द्वारा बाल यौन शोषण मामलों की जांच रिपोर्ट ने इस मुद्दे को एक बार फिर ताजा कर दिया है. 1950 के बाद से पुर्तगाली कैथोलिक पादरियों के सदस्यों द्वारा बाल यौन शोषण की एक स्वतंत्र जांच सैकड़ों पीड़ितों के दर्द को बयां करेगी, ये जांच समिति जल्द अपने निष्कर्ष प्रकाशित करने वाली है. कैथोलिक चर्च के भीतर बाल यौन शोषण की हजारों रिपोर्टें दुनिया भर में सामने आई हैं और पोप फ्रांसिस पर इससे निपटने का काफी दबाव है.
पिछले साल अक्टूबर में, पुर्तगाल की छह विशेषज्ञों की टीम ने कहा था कि उसने अनुमानित पीड़ितों में से 424 के बयान दर्ज दिए. इनकी गवाही से संकेत मिलता है कि पीड़ितों की कुल संख्या 'बहुत अधिक' थी. इस दौरान चर्चों की गंभीर स्थितियों का खुलासा हुआ, जो दशकों तक बनी रहीं... और कुछ मामलों में महामारी के अनुपात तक पहुंच गईं". कई मामलों में पीडि़त अब नहीं रहे, लेकिन लगभग 20 मामले पुलिस को सौंपे जा चुके हैं और कई में पूछताछ पहले ही शुरू की जा चुकी है. इन दुर्लभ मामलों में से एक 'एलेक्जेंड्रा' से संबंधित है, एक 43 वर्षीय महिला जिसने नाम न छापने का अनुरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वीकारोक्ति के दौरान एक पादरी द्वारा उसके साथ बलात्कार किया गया था, जब वह 17 साल की नवदीक्षित नन थी.
पुर्तगाल से पहले अमेरिका और आयरलैंड समेत कई ऐसे देश हैं, जहां चर्चों में होने वाले ये घिनौने कृत्य सामने आ चुके हैं. चर्चों में दशकों से ऐसा चला आ रहा है.
अमेरिका
अमेरिका में चर्च में दुष्कर्म के मामले 2002 में दुनिया के सामने आए, जब बोस्टन ग्लोब अखबार ने बोस्टन के पादरियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहारों की एक बड़ी जांच प्रकाशित की, जिसे उनके बिशपों द्वारा कवर किया गया था. इसके बाद कार्डिनल बर्नार्ड लॉ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. वेबसाइट Bishop-accountability.org के अनुसार, 1950 और 2018 के बीच, यूएस कैथोलिक चर्च को पादरी के 7,002 सदस्यों से जुड़े बाल यौन शोषण की विश्वसनीय शिकायतें मिलीं. पोप फ्रांसिस ने 2019 में पूर्व कार्डिनल थिओडोर मैककारिक को पादरी की पदवी से हटा दिया था, जिन्होंने बच्चों और वयस्कों दोनों का यौन उत्पीड़न करना स्वीकार किया था. एक जांच में पाया गया कि चर्च ने 300 से अधिक दुष्कर्म के दोषी पादरियों को हटाया था.
आयरलैंड
कभी दुनिया के सबसे बड़े कैथोलिक देश माने जाने वाले आयरलैंड में यौन अपराधों के आरोप 1980 के दशक में सामने आने लगे. इस मामलों ने देश को अंदर तक झकझोर कर रख दिया. साल 1970 से1990 के बीच पादरियों द्वारा बाल यौन शोषण के पीड़ितों की संख्या लगभग 15,000 होने का अनुमान था. चर्च द्वारा संचालित संस्थानों में दुर्व्यवहार की नौ साल की जांच में पाया गया कि लड़कों के स्कूलों में यौन शोषण 'स्थानिक' था. साल 2018 में आयरलैंड की यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस ने पीड़ितों से माफी मांगी थी.
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा यौन शोषण का मामला वेटिकन के पूर्व वित्त प्रमुख, कार्डिनल जॉर्ज पेल पर केंद्रित था. उन्हें 1990 के दशक में मेलबर्न में यौन शोषण के लिए 2018 में दोषी ठहराया गया था. 2020 में फैसला पलटने से पहले पेल ने 13 महीने जेल में बिताए. जनवरी में 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. ऑस्ट्रेलिया की सरकार द्वारा गठित एक आयोग ने फरवरी 2017 में कहा कि सभी कैथोलिक पादरियों में से सात प्रतिशत पर 1950 और 2010 के बीच बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था.
पोलैंड
कैथोलिक पोलैंड में 2019 तक बाल यौन शोषण का विषय काफी हद तक वर्जित था. इसके बाद जब चर्च ने खुलासा किया कि लगभग 400 पादरी सदस्यों ने 1990 और 2018 के बीच नाबालिगों का यौन शोषण किया था, तब इस विषय पर चर्चा शुरू हुई. जून 2021 में एक दूसरी रिपोर्ट में, चर्च ने कहा कि उसे सैकड़ों और शिकायतें मिली हैं. वेटिकन ने ऐसे पादरियों के असली चेहरों को सामने लाने के लिए कई बिशप और एक कार्डिनल को मंजूरी दी.
फ्रांस
फ्रांस में यौन शोषण का सबसे चर्चित मामला ल्योन के आर्कबिशप कार्डिनल फिलिप बारबारिन पर केंद्रित था. उन्हें 2019 में छह महीने की जेल की सजा मिली थी. इन्हें 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में लगभग 70 नाबालिगों से दुष्कर्म करने का दोषी पाया गया था. 2020 में अपील पर बारबारिन की सजा को पलट दिया गया, लेकिन पोप ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया. प्रीयनत को 2020 में पांच साल की जेल हुई थी. 2021 में, एक स्वतंत्र जांच से पता चला कि कैथोलिक पादरियों के सदस्यों ने 1950 से 2020 तक लगभग 2,16,000 नाबालिगों का यौन शोषण किया था.