अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से टेलीफोन पर बात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि वो और पुतिन यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत करेंगे. ट्रंप ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में पुतिन से हुई बातचीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए बहुत निकटता से काम करने की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने कहा कि वो पुतिन से एक दूसरे देश में मुलाकात करेंगे.यह बातचीत सउदी अरब में हो सकती है. ट्रंप ने पुतिन से बातचीत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी बात की.उन्होंने उन्हें पुतिन के साथ हुई बातचीत की जानकारी दी. हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि जिस मुलाकात की चर्चा ट्रंप कर रहे हैं, उसमें जेलेंस्की शामिल होंगे या नहीं. यह पूरा घटनाक्रम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचने से पहले हुआ.पीएम मोदी का मानना रहा है कि इस समस्या का समाधान बातचीत ही है. पीएम मोदी ने पिछले साल पुतिन और जेलेंस्की से मुलाकात की थी. मोदी इस बातचीत में सहयोग करने की पेशकश कर चुके हैं. पीएम मोदी दुनिया के कुछ ऐसे नेताओं में शामिल हैं, जिनके पुतिन और जेलेंस्की दोनों से अच्छे संबंध हैं.
पीएम मोदी की पुतिन-जेलेंस्की से दोस्ती
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में रूस और अगस्त में यूक्रेन की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने दोनों नेताओं को गले लगाया था. मोदी ने यूक्रेन में युद्ध में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि भी दी थी.उन्होंने युद्ध में जान गंवाने वाले बच्चों के सम्मान में वहां एक खिलौना भी रखा था.इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था कि युद्ध खासकर छोटे बच्चों के लिए विनाशकारी है. मेरी संवेदना उन बच्चों के परिवारों के साथ है जिन्होंने अपनी जान गंवाई.
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जुलाई में रूस की यात्रा की थी.
पीएम मोदी ने इस दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा था कि इसका समाधान बातचीत ही है. मोदी ने कहा था कि दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर उन्हें इस संकट से बाहर आने का रास्ता तलाशना चाहिए. उन्होंने कहा था कि भारत, शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा.
क्या राष्ट्रपति ट्रंप की मदद करेंगे पीए मोदी
मोदी की रूस और यूक्रेन के नेताओं के साथ जिस तरह के रिश्ते हैं, वह यह दिखाते हैं कि वो ट्रंप के मिशन को पूरा करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं.राष्ट्रपति पद की दूसरी बार शपथ लेने के बाद से ही ट्रंप अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन के नीतियों को पलटने में लगे हुए हैं.वो चाहते हैं कि यूक्रेन को मिलने वाली अधिकांश सैन्य और वित्तीय सहायता का जिम्मा यूरोपीय देश संभालें.ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान प्रेशिडेंशियल डिबेट में भी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की इच्छा जताई थी. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपने संबंधों का हवाला दिया था. अब राष्ट्रपति बनने के बाद वो इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं.
पिछले साल अगस्त में यूक्रेन की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को गले लगाते पीएम नरेंद्र मोदी.
क्या बदलेंगे रूस के हालात
इस बातचीत से युद्ध रुकता है या नहीं, यह तो बाद में भी पता चल पाएगा, लेकिन ट्रंप के इस कदम से रूसी राष्ट्रपति एक बार फिर मुख्यधारा में लौट आए हैं. फरवरी 2022 में युक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही पुतिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अलग-थलग पड़ गए थे. रूस के खिलाफ बड़ी संख्या में पाबंदियां लगा दी गई थीं. इनका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ा. यहां तक कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पुतिन के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था. लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने पुतिन के दिन बहुरते हुए नजर आ रहे हैं.
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