ट्रंप, टैरिफ, चीन या यूक्रेन... 4 फैक्टर बनेंगे टर्निंग प्वाइंट? मोदी-पुतिन की 'महामुलाकात' पर सबकी निगाहें

PM Modi- Vladimir Putin bilateral meeting: तियानजिन में एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि प्रधान मंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने से पहले SCO के पूर्ण सत्र को संबोधित भी करेंगे.

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भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
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  • PM मोदी चीन में SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं और यहां रूस के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे.
  • अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर टैरिफ लगाया है और यूक्रेनी संघर्ष को फंड करने का आरोप लगाया है.
  • पीएम मोदी SCO शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत का दृष्टिकोण रखेंगे- MEA
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के बाद सोमवार, 1 सितंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. अब इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजर होगी. वजह समझने के लिए चलिए बैकग्राउंड आपको समझाते हैं.

ट्रंप का दांव पड़ा उल्टा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बम फोड़कर भारत पर जो दबाव बनाने की कोशिश की थी, उनका वह दांव ही उल्टा पड़ गया. जिस चीन को अमेरिका भारत के बल पर बैलैंस करने की कोशिश करता था, आज उसके मेहमान नवाजी में भारत अपनी शर्तों पर चीन, रूस और तमाम देशों के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है. ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदकर यूक्रेनी जंग को फंड करने का आरोप लगाया है और भारत पर कुल मिलाकर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है. 

जब भारत और अमेरिका के बीच इस टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर है, पीएम मोदी इस समय चीन में हैं जहां वो शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं. इस महाबैठक से इतर पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ रविवार को द्वि-पक्षीय बैठक की और उसके बाद सोमवार को वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी आमने सामने की वार्ता करने वाले हैं. 

भारत ने ट्रंप के इस आरोप का मजबूती से जवाब दिया है कि वह यूक्रेनी जंग की फंडिंग कर रहा है. भारत का कहना है कि रूस से उसका कच्चा तेल खरीदना उसकी आर्थिक जरूरतों के हिसाब है. भारत ही नहीं तमाम यूरोपीय देश और खुद अमेरिका रूस के साथ अभी भी व्यापार कर रहे हैं लेकिन इस अनुचित टैरिफ का निशाना केवल भारत को बनाया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ही फोन पर बातचीत के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत सभी प्रयासों का समर्थन करता है. पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत में, यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. वहीं जेलेंस्की ने पीएम मोदी को फोन किया और रूस के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक के लिए अपनी तत्परता से अवगत कराया तथा कहा कि युद्ध की समाप्ति तत्काल युद्ध विराम के साथ होनी चाहिए.

भारत, रूस-यूक्रेन संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिये हल करने का लगातार आह्वान करता रहा है. पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी ने मॉस्को की यात्रा की थी और पुतिन से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है.

मोदी और SCO शिखर सम्मेलन

तियानजिन में एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि प्रधान मंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने से पहले SCO के पूर्ण सत्र को संबोधित भी करेंगे.

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मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री कल शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे, जहां वह SCO छत्र (अंब्रेला) के तहत क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करेंगे. इसके बाद, उनका रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का कार्यक्रम है, जिसके बाद वह भारत के लिए प्रस्थान करेंगे."

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