5 साल बाद PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, पूरी दुनिया के लिए क्यों है खास?

एलएसी पर पिछले लंबे समय से जारी तनाव के बीच आज होने वाली पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात (PM Modi Xi Jinping Meeting) काफी अहम मानी जा रही है. हालांकि एक दिन पहले ही दोनों देशों के बीच लद्दाख में पहले की तरह पेट्रोलिंग पर सहमति बनी है.

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रूस के कजान में आज पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात.
दिल्ली:

भारत और चीन के बीच LAC पर टकराव रोकने या कम करने को लेकर हुए समझौते के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग की आज कजान में मुलाकात (PM Modi Xi Xinping Meeting In BRICS) होने जा रही है. रूस के शहर कजान में आज BRICS सम्मेलन का पहला दिन है. आज का दिन अहम इसलिए भी है क्यों कि ब्रिक्स सम्मेलन के इतर आज दोनों नेताओं की लंबे समय बाद मुलाकात होने जा रही है, जो काफी अहम मानी जा रही है. पीएम मोदी और जिनपिंग की औपचारिक मुलाकात करीब 5 साल बाद हो रही है. सबकी नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि दोनों नेताओं के बीच क्या बात होगी.

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MODI XI JINPING MEETING LIVE UPDATES

मोदी, पुतिन, जिनपिंग एक साथ

कजान से एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें तीन अहम देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ खड़े हैं. पीएम मोदी, पुतिन और जिनपिंग एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग को जोड़ने में पुल की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं. 

कजान में मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में आज द्विपक्षीय मुलाकात होगी. विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने मंगलवार शाम को इस बात की पुष्टि की. इससे पहले दोनों नेता साल 2019 में ब्राजील में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिले थे. 

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लद्दाख में समझौते बाद मोदी-जिनपिंग की मुलाकात अहम

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर भारत-चीन के बीच सहमति बनने के बाद दोनों नेताओं की मुलाकात होने जा रही है. दरअसल भारत-चीन डेमचौक और देपसांग से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने और पहले की तरह पेट्रोलिंग करने पर सहमत हो गए हैं. 

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मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर दुनिया की नजर

पीएम मोदी और शी जिनपिंग जब आपस में मिलेंगे और और हाथ मिलाएंगे तो अमेरिका समेत दुनियाभर की नजर इस पर रहेगी. लद्दाख में हुए समझौते के बाद दोनों की ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ट्रेड को लेकर बातचीत हो सकती है.

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भारत, रूस, चीन साथ आए तो क्या होगा?

पश्चिम और मिडिल ईस्ट में फैले तनाव के बीच भारत, रूस और चीन का साथ आना अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों के लिए एक संकेत होगा कि अगर ये तीनों नेता एक साथ आ जाते हैं तो वैश्विक राजनीति 360 डिग्री घूम जाएगी.

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