ग्लोबल साउथ के बिना दुनिया बिना नेटवर्क वाला मोबाइल... BRICS के मंच से PM मोदी ने UN को भी सुनाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली जरिया बना हुआ है.

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  • प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स को वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली साधन बताया है.
  • ब्राजील में आयोजित शिखर सम्मेलन में चीन और रूस के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया.
  • मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लूला की अध्यक्षता की सराहना की है.
  • इंडोनेशिया को ब्रिक्स में शामिल होने पर पीएम मोदी ने बधाई दी है.
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रियो डी जनेरियो:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स आर्थिक सहयोग और वैश्विक भलाई के लिए एक शक्तिशाली जरिया बना हुआ है. इस समूह के सदस्य देशों के कई शीर्ष नेता शिखर वार्ता के लिए इस समुद्र तटीय ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में इकट्ठा हुए. सम्‍मेलन से इस बार  चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने हिस्‍सा नहीं लिया है. इस प्रभावशाली समूह के वर्तमान अध्यक्ष के तौर पर ब्राजील की तरफ से इस सम्‍मेलन का आयोजन किया गया ह‍ै. 

राष्‍ट्रपति लूला की तारीफ 

पीएम मोदी ने शांति और सुरक्षा, वैश्विक शासन में सुधार के मुद्दे पर ब्रिक्स सदस्यों के सत्र को संबोधित किया. उन्‍होंने ब्रिक्‍स को आर्थिक सहयोग और अंतरराष्‍ट्रीय भलाई के लिए एक शक्तिशाली माध्‍यम करार दिया. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए राष्‍ट्रपति लूला का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. ब्राजील की अध्यक्षता में, ब्रिक्स में हमारे सहयोग ने नई गति प्राप्त की है, ऊर्जा का एक डबल एस्प्रेसो शॉट! मैं राष्‍ट्रपति लूला की दूरदर्शिता और अटूट प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं.' 

इंडोनेशिया का स्‍वागत 

इस बार इंडोनेशिया को भी संगठन में जगह मिली है और पीएम मोदी ने उसे परिवार का सदस्‍य बनने पर बधाई दी. पीएम मोदी ने कहा, 'मैं इंडोनेशिया के ब्रिक्स परिवार में शामिल होने पर राष्ट्रपति प्रबोवो को हार्दिक बधाई देता हूं और उनकी सफलता की कामना करता हूं.' 

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ग्‍लोबल साउथ की चुनौतियां 

पीएम मोदी ने कहा, ग्‍लोबल साउथ को अक्सर दोहरे मानकों का सामना करना पड़ता है, चाहे विकास, संसाधन वितरण या सुरक्षा में. हमें वैश्विक शासन में उनके हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए.' 

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वैश्विक संस्थाओं में सुधार

पीएम मोदी ने कहा, '20वीं सदी में स्थापित संस्थाओं में मानवता के दो-तिहाई हिस्से के लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व का अभाव है. वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले देशों को निर्णय लेने में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है. इससे विश्वसनीयता और प्रभावशीलता प्रभावित होती है.' 

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नई विश्व व्यवस्था की आवश्यकता

पीएम मोदी के अनुसार विश्व को एक बहुध्रुवीय और समावेशी व्यवस्था की आवश्यकता है, जिसकी शुरुआत वैश्विक संस्थाओं में व्यापक सुधारों से हो. इन सुधारों का ठोस प्रभाव होना चाहिए, जिसमें वैश्विक दक्षिण की चुनौतियों को प्राथमिकता दी जाए. 

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ब्रिक्स की भूमिका

उन्‍होंने कहा, 'ब्रिक्स का विस्तार इसकी अनुकूलन क्षमता को दर्शाता है. हमें अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधारों के लिए प्रयास करना चाहिए.' पीएम मोदी ने कहा, 'भारत ने हमेशा मानवता के हितों के लिए काम किया है, अपने हितों से परे. हम ब्रिक्स देशों के साथ रचनात्मक रूप से योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

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