इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (International Consortium of Investigative Journalists) मीडिया कंसोर्टियम द्वारा रविवार को प्रकाशित जांच के मुताबिक, जॉर्डन के किंग और चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री सहित एक दर्जन से अधिक देशों और सरकार के प्रमुखों ने टैक्स हैवंस में लाखों छिपाए हैं. "पेंडोरा पेपर्स" की जांच में द वाशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्जियन सहित मीडिया से जुड़े करीब 600 पत्रकार शामिल हैं. साथ ही यह वैश्विक स्तर पर 14 वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के करीब 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है.
करीब 35 वर्तमान और पूर्व नेताओं का ICIJ द्वारा विश्लेषित दस्तावेजों में नाम आया है, जिसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार से लेकर मनी लॉन्ड्रिंग और वैश्विक कर से बचने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है.
दस्तावेज बताते हैं कि कैसे किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने मालिबू, कैलिफोर्निया से वाशिंगटन और लंदन तक 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति को एकत्रित करने के लिए अपतटीय कंपनियों और टैक्स हेवन का नेटवर्क बनाया. बीबीसी ने किंग अब्दुल्ला के वकीलों का हवाला देते हुए कहा कि सभी संपत्तियां व्यक्तिगत धन से खरीदी गई थीं और यह हाई प्रोफाइल व्यक्तियों के लिए गोपनीयता और सुरक्षा कारणों से अपतटीय कंपनियों के माध्यम से संपत्ति खरीदना आम बात थी.
कुल मिलाकर, ICIJ को ऐसी करीब 1,000 कंपनियों और देश के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों, राजदूतों और अन्य सहित 336 उच्च-स्तरीय राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के बीच संबंध मिले हैं. दो-तिहाई से अधिक कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में स्थापित की गईं.
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के परिवार और सहयोगियों पर ब्रिटेन में करोड़ों की संपत्ति के सौदे में गुप्त रूप से शामिल होने का आरोप है. साथ ही केन्याई राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा और परिवार के छह सदस्यों पर गुप्त रूप से इन कंपनियों के नेटवर्क के मालिक होने का आरोप है.
साथ ही कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आंतरिक घेरे के सदस्य, जिनमें कैबिनेट मंत्री और उनके परिवार शामिल हैं, लाखों डॉलर रखने वाली कंपनियों और ट्रस्टों के गुप्त रूप से मालिक हैं.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का सीधे तौर पर फाइलों में नाम नहीं है, लेकिन वह सहयोगियों के माध्यम से मोनाको में गुप्त संपत्ति से जुड़े हुए हैं.