पाकिस्तान का रणनीतिक भविष्य अमेरिका नहीं, चीन के साथ: रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

इंटरव्यू में आसिफ कई बार बेहद असहज दिखे. जब उनसे सवाल पूछा गया कि पाकिस्तान में असली ताक़त राजनीतिक नेतृत्व के पास है या सेना प्रमुख असीम मुनीर के पास?

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  • ख्वाज़ा आसिफ ने चीन को भरोसेमंद सहयोगी बताया और कहा कि पाकिस्तान ने चीन से महत्वपूर्ण हथियार प्राप्त किए हैं.
  • आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते हमेशा लेन-देन पर आधारित रहे हैं.
  • ख्वाज़ा आसिफ ने सेना प्रमुख की भूमिका पर सवालों से बचाव किया और राजनीतिक नियुक्ति होने की बात कही.
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाज़ा आसिफ ने कहा है कि वो अपने मुल्क का ‘रणनीतिक भविष्य' अमेरिका नहीं बल्कि चीन के साथ देखते हैं. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण चीन का ‘भरोसेमंद' होना है, जैसा अमेरिका के साथ नहीं है. खास बात यह है कि ख्वाज़ा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के अगले ही दिन आया है. ख्वाज़ा आसिफ ने यह बात ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन को दिए एक इंटरव्यू में कही.

'अमेरिका से संबंध लेन-देन का'

पत्रकार हसन ने ख्वाज़ा आसिफ से पूछा था कि पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान ने अपने 80 प्रतिशत हथियार चीन से लिए हैं, ऐसे में अमेरिका के साथ मैत्री क्या चीन के साथ संबंधों को खराब कर सकती है? आसिफ ने कहा कि चीन बहुत भरोसेमंद साथी है, उन्होंने हमें पनडुब्बियां और जेएफ-17 जैसे लड़ाकू विमान दिए हैं, चीन के साथ हमारा रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, ऐसा अमेरिका जैसे अन्य देशों के ‘ग़ैर-भरोसेमंद' होने के कारण है. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के संबंध हमेशा ‘लेन-देन' जैसे रहे हैं, जबकि पाकिस्तान ने चीन को सदैव शीर्ष सहयोगी माना है.

'रणनीतिक भविष्य चीन से साथ'

पत्रकार ने आसिफ से दोबारा पूछा कि क्या आपका रणनीतिक भविष्य चीन के साथ माना जाए? जवाब में आसिफ ने ‘हां' कहते हुए जोड़ा कि चीन हमारा पड़ोसी है, हम एक-दूसरे से सीमाएं और भूगोल साझा करते हैं. आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अमेरिका के साथ संबंधों की चीन को कोई चिंता नहीं है.

सवालों से कतराए पाक रक्षा मंत्री

इंटरव्यू में आसिफ कई बार बेहद असहज दिखे. जब उनसे सवाल पूछा गया कि पाकिस्तान में असली ताक़त राजनीतिक नेतृत्व के पास है या सेना प्रमुख असीम मुनीर के पास? आसिफ हिचकिचाते हुए दिखाई दिए. इस सवाल पर कि क्या सेना प्रमुख उनसे ताक़तवर हैं, आसिफ ने सवाल को यह कहकर टालने की कोशिश की कि ‘ऐसा नहीं है', हालांकि दोबारा पूछने पर उन्होंने कहा कि वो एक राजनीतिक नियुक्ति है. साफ है कि आसिफ ने कड़े सवालों से बचने की कोशिश की.

शरीफ की ट्रंप से मुलाकात

खास बात यह है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर डोनाल्ड ट्रंप को लुभाने में जुटे हैं. ख्वाज़ा आसिफ के इंटरव्यू से ठीक एक दिन पहले ही शरीफ और सेना प्रमुख मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से भेंट की थी. इसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश सचिव मार्को रुबियो भी मौजूद थे. पाक पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप की जमकर तारीफ की और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात भी कही.

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