- CIA के पूर्व ऑपरेशंस चीफ जेम्स लॉलर ने PAK के परमाणु वैज्ञानिक ए. क्यू. खान की गतिविधियों का खुलासा किया.
- ए. क्यू. खान ने ईरान, उत्तर कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक और सीक्रेट अवैध रूप से बेचने का आरोप स्वीकारा था.
- PAK के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को जब इस बात के सबूत मिले तो उन्होंने खान को नजरबंदी में डाल दिया.
अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व ऑपरेशंस चीफ़ जेम्स लॉलर ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा चौंकाने वाला खुलासा किया है. लॉलर के मुताबिक, पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान अन्य देशों को परमाणु तकनीक और सीक्रेट बेच रहे थे.
लॉलर ने बताया कि जब इस बात के सबूत पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ को दिए गए, तो उनकी प्रतिक्रिया बेहद नाटकीय थी. CIA के पास ठोस सबूत थे कि ए.क्यू. खान ने न केवल परमाणु तकनीक साझा की, बल्कि इसे कई देशों तक पहुंचाया.
क्यों अहम है यह खुलासा?
ए.क्यू. खान को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जनक माना जाता है. उन पर पहले भी ईरान, उत्तर कोरिया और लीबिया को परमाणु तकनीक देने के आरोप लग चुके हैं. यह नेटवर्क वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा माना गया था.
लॉलर ने कहा कि यह मामला उस समय अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव का कारण बना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु प्रसार को लेकर गंभीर चिंताएं उठीं.
'मैं उसे मार डालूंगा'
लॉलर के अनुसार, हमने मुशर्रफ से कहा कि खान लीबियाई लोगों और शायद अन्य देशों को पाकिस्तान के परमाणु रहस्यों का खुलासा कर रहा है. इस पर मुशर्रफ ने कथित तौर पर कहा, 'मैं उसे मार डालूंगा और फिर खान को सालों के लिए नजरबंद कर दिया.'
बता दें कि अब्दुल कादिर खान को पाकिस्तान में परमाणु का जनक कहा जाता है. लेकिन उनके करियर में कई विवाद भी जुड़े. उनसे जुड़े विवादों में परमाणु तकनीक के प्रसार और अवैध नेटवर्क के संचालन के आरोप शामिल हैं, जिसके कारण उन्हें 2004 में नजरबंद भी किया गया था. उन्होंने बाद में इस नेटवर्क में अपनी भूमिका स्वीकार की, लेकिन बाद में राष्ट्रपति मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने परमाणु प्रसार के लिए मजबूर किया था.
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खान का विवादों से नाता
परमाणु तकनीक की जानकारी लीक: खान पर ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया जैसे देशों को परमाणु तकनीक से जुड़े सीक्रेट बेचने का आरोप लगाया गया था.
अवैध नेटवर्क: खान ने एक अवैध नेटवर्क चलाने में अपनी भूमिका स्वीकार की थी, जो परमाणु सीक्रट को लीक करता था.
नजरबंदी: 2004 में, उन्हें इन आरोपों के कारण नजरबंद कर दिया गया था.
विवादों के बावजूद लोकप्रियता: इन विवादों के बावजूद, खान पाकिस्तान में 'परमाणु नायक' के रूप में सम्मानित रहे और उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी मिला.













