- शुभांकर मिश्रा के शो 'कचहरी' में पाकिस्तानी पत्रकारने दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक पर कब्जे की धमकी दी.
- मेजर गौरव आर्य ने उसकी इस धमकी पर खूब मजे लिए और उसकी पीएचडी का विषय पूछ लिया.
- शुभांकर मिश्रा ने पाकिस्तानी पत्रकार के दावों पर कहा कि उनका शो कॉमेडी शो नहीं है.
POK में हंगामा मचा हुआ है. बलोचिस्तान आजादी के लिए हथियार उठा चुका है. ऑपरेशन सिंदूर के कारण पाकिस्तान को सीजफायर की भीख मांगनी पड़ी. मगर पाकिस्तान तो पाकिस्तान तो पाकिस्तान है. उसके प्रधानमंत्री, सेना चीफ ही नहीं पत्रकार भी मार खाकर भी सीना फुलाए रहते हैं. बार-बार पीटते और मार खाते हुए भी धमकी देते रहते हैं. ये वैसा ही है कि किसी की आप जमकर कुटाई कर रहे हो और बार-बार वो बोले कि अब मार कर दिखा तो बताऊंगा. फिर आप उसको पिटोगे तो फिर बोलेगा कि अब मारकर दिखाओ तो बताऊंगा. एनडीटीवी पर शुभांकर मिश्रा के शो 'कचहरी' में कुछ ऐसा ही हुआ. 'कचहरी' में मेजर गौरव आर्य और पाकिस्तान के पत्रकार हामिद खान बने. POK में चल रहे प्रदर्शनों पर बात होनी थी, मगर पाकिस्तानी पत्रकार दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद तक पहुंच गए. ऐसी-ऐसी डींगें मारीं कि शुभांकर मिश्रा को कहना पड़ा कि ये कॉमेडी शो नहीं है. पढ़िए सवाल और जवाब...
शुभांकर-हामिद जी, पाकिस्तान के लोग कब्जे वाले कश्मीर को आजाद कश्मीर कहते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि आज़ादी तो वहां है ही नहीं? सेना गोलियां चला दे रही है. अवाम सड़कों पर है. ध्यान आप दे नहीं रहे हैं. लगता है हिंदुस्तान को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी?
हामिद- बहुत शुक्रिया, मेरा ख्याल है कि आपका जो इंडियन प्रोपेगंडा है वो इस वक्त अपनी पीक पर है. जहां हर तरह की कहानियां सुनाई जा रही हैं. देखिए आजाद कश्मीर के अंदर हालात मुकम्मल तौर पर कंट्रोल में है. वहां की अवाम की जो जायज बात है, वो वहां की लोकल सरकार से है, वो मांगे पूरी कर दी जाएंगी और की जा रही हैं. तीसरी बात ये है कि कश्मीर का एक-एक बच्चा ये कहता है कि हम हर हालत में जीते-मरते पाकिस्तान के साथ हैं और हम जो इंडियन ऑक्यूपाइड कश्मीर श्रीनगर, पुलवामा और जितना भी लेह और लद्दाख सारा है वो इंशाल्लाह पाकिस्तान का हिस्सा बनेगा और कश्मीर जो है, वो पूरा का पूरा पाकिस्तान का.
शुभांकर-बड़ा अच्छा शेर था. मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं, ख्वाहिशें अधूरी हैं, मगर जिंदा रहने के लिए कुछ गलतफहमियां जरूरी हैं.
हामिद- मैं अभी आपके आर्मी चीफ और एयर चीफ की गीदड़भभकियां सुन रहा था तो मैं हंस रहा था. मैंने कहा जो मुक्का लड़ाई के बाद याद आए, वो अपने मुंह पर मारना चाहिए तो मेरा ख्याल ये है कि आपके आर्मी चीफ को चाहिए कि अब अपने मुंह पर दो-तीन मुक्के मारें. ऑपरेशन सिंदूर में तो उनकी बदतरीन शिकस्त हुई. उनको हमने धूल चटाई. अब इंडियन सरकार फेस सेविंग कर रही है. अपने लोगों को, अपनी जनता को, अपनी पब्लिक को खुश करने के लिए अगर इंडियन आर्मी चीफ या एयर फोर्स कहते हैं कि उन्होंने कोई एडवेंचर करना है तो हमारे फील्ड मार्शल ने तो कहा है कि आप करें, हम आपको दस मई से ज़्यादा बुरी तरह मारेंगे. आपकी सरकार अमेरिका भागी थी. अमेरिका जाकर आपने माफी मांगी कि पाकिस्तान से माफी दिलवा दे.
गौरव आर्य- देखिए, दो-तीन बातें हैं. ये हामिद साहब कह रहे हैं कि ऐसा हुआ-वैसा हुआ. देखिए, हम लोग प्रूफ की बात करते हैं. क्योंकि हम एक एजुकेटेड सोसाइटी हैं. यहां पर पढ़े-लिखे लोग हैं और दुनिया भर में भारत की एजुकेशन का डंका है. सिलिकॉन वैली लगभग भारत चलाता है. बड़े-बड़े आईटी के और कंपनियों के जो चीफ्स हैं, वो भारत के हैं. एनडीटीवी के एंकर प्रूफ की बात करते हैं क्योंकि आपका एजुकेटेड ऑडियंस है. जहां प्रूफ की वैल्यू है. आप बात करते हैं सैटेलाइट इमेज की. आप बात करते हैं वीडियो की. आप बात करते हैं प्रूफ की. आप बात करते है कि ये जो वीडियो है, इसका बाहर से फोरेंसिक हो रखा है, इसलिए ये जेनुइन है. अब प्रॉब्लम ये है कि व्हेन यू स्पीक टू पाकिस्तान, वहां के लोग ये सब कर नहीं करते. अब कुछ देर पहले शिव अरुर के साथ एनडीटीवी पर ही इन साहब ने बोला कि पाँच राफेल गिरा दिए. इनके प्रधानमंत्री कहते हैं कि छह रफेल गिर गए, कोई कहता है तीन गिर गए. मुझे एक बात समझ में नहीं आती कि मैं कह रहा हूं छत्तीस राफेल हैं हमारे पास, मान लो हमारे छत्तीस के छत्तीस गिर गए हैं. शाबाश, वेरी गुड. एक बात तो मुझे बताइए राफेल गिरे कहां. राफेल गिरता है तो उसका मलबा होगा. वो जहाज है सर, कई टन का. इट्स नॉट ए स्मॉल थिंग और फैक्ट चेक जब किया गया. अमेरिकन ने फैक्ट चेक किया तो पता लगा साहब बीकानेर में जो पांच साल पहले मिग 21 क्रैश हुआ था, उसका इन्होंने बता दिया. सर राफेल और मिग 21 में फर्क होता है. हमारे यहां कल्चर है सबसे सवाल पूछने का. हम डेमोक्रेसी हैं. आपके यहां ये कल्चर नहीं है. आप कहते हैं फील्ड मार्शल ने बोल दिया तो बोल दिया. फील्ड मार्शल आखिरी चीज है.
गौरव- शुभांकर जी, मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये लोग बड़े फक्र के साथ आजाद कश्मीर बोलते हैं. स्पेशल कम्युनिकेशन आर्गेनाइजेशन एक इनका ऑर्गेनाइजेशन है. जो सारा का सारा मोबाइल फोन का सिस्टम सो कॉल्ड आज़ाद कश्मीर में मैनेज करती है. सो कॉल्ड आजाद कश्मीर में special communication organization एक government owned organization है और इसके हेड हैं मेजर जनरल उमर अहमद शाह. अब आप समझ सकते हैं कितना ट्रस्ट है सो कॉल्ड आज़ाद कश्मीर के लोगों के ऊपर इनको. वहां का कम्युनिकेशन, वहां का मोबाइल सिस्टम टैप हो रहा है. एक फौजी को लगा रखा है वहां पर कि तुम सुनो ये किससे बात कर रहे हैं. वहां पर दूसरे नेटवर्क को चलाना मना है. लाइसेंस दे रखा है, लेकिन चलता यही है स्पेशल कम्युनिकेशन आर्गेनाइजेशन का. और कहते हैं आजाद कश्मीर.. जैसे कि इनका पंजाब गुलाम है या सिंध गुलाम है, खैबर पख्तूनख्वा गुलाम है क्या?
हामिद- हमने तो सिंपल सा कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में आपका एस 400 सिस्टम तबाह हुआ. इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम का निजाम तबाह हुआ. आपकी सिक्योरिटी सारी हैक हो गई. उसके बाद आप राफेल का पूछते हैं कि मलबा कहां गिरा तो हम तो ये कह रहे हैं कि इंडिया के अंदर ही गिरा. हमने आपको अंदर जाकर मारा. आप अपना मलबा खुद दिखाएं. दुनिया को आप अपने राफेल पूरे करवा दें. हमारा तो चैलेंज है कि हमारा एक जहाज भी डैमेज हो तो हमें पकड़ लें. हम तो पूरे इंटरनेशनल मीडिया के सामने चैलेंज करते है कि हम अपने सारे जहाज, सब कुछ गिनती करवाने को तैयार हैं. आप नहीं हैं तैयार. अच्छा, अब गौरव आर्य बात कर रहे हैं एक जनरल साहब की. हमारे यहां तो फौज के अंदर इतने कश्मीरी हैं कि हमारा वो फक्र है. हमारे माथे का झूमर है. कश्मीर के अंदर कश्मीरी सबसे ज्यादा इसी बात पर फक्र करता है कि पाकिस्तान के साथ जुड़े होने का मतलब है पाकिस्तान हमारी हिफाजत करेगा. पाकिस्तान हमारे से है. हम पाकिस्तान से हैं. ये जो बार-बार ऑपरेशन सिंदूर की आप बात करते हैं ना तो हम तो खुद कहते है कि हमें अमेरिका ने ना रोका होता तो हम दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद समेत दक्षिण भारत तक जाकर एक बार इंडिया को हमेशा के लिए ठंडा कर देते.
शुभांकर- सही बात है, गौरव जी, अब थोड़ा मेरा डाइजेशन सिस्टम गड़बड़ हो रहा है. इनका 47, 65, 71, 99 अलग ही हिस्ट्री चल रही है.
गौरव- हामिद साहब आई रिस्पेक्ट यू. ये पहली बार मैं सुन रहा हूं सर. एक बार फिर दोबारा सुनाइए. एनडीटीवी के कुछ दर्शक अभी-अभी जुड़े हैं. मज़ा आया. ये मज़ा उनको भी मिलना चाहिए. ये दोबारा सुनाइए. दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद दोबारा सुनाइए सर बहुत अच्छा लग रहा है.
हामिद- एक बार और, आप पाकिस्तान की कैपेबिलिटी को अगर चैलेंज करेंगे न, तो पाकिस्तान ने आपको बता दिया कि हम दिल्ली से लेकर बॉम्बे तक बिल्कुल बर्बाद कर देते. हमारी इतनी कैपेबिलिटी है कि हम तो साउथ इंडिया तक घुस कर मारने की कैपेबिलिटी रखते हैं.
गौरव- एक एक मैं बात पूछना चाहता हूं हामिद साहब. मैं पर्सनल आपको कोई कमेंट नहीं करना चाहता. ये सभ्य लोगों का शो है. ये आपके नाम के आगे जो डॉक्टर लगा है, ये इसका मतलब क्या है. डॉक्टरी है की कुछ और है. शुभांकर मैं आपको आईडिया देता हूं एक वीकेंड प्रोग्राम इनके साथ करिए. इन साहब बातें बड़ी मस्त हैं.
शुभांकर- मैं कॉमेडी शो नहीं करता. स्टैंड उप कॉमेडी नहीं करते हम.
हामिद- मेरी डॉक्टरेट तो पूरी दुनिया मानती है. मेरा थीसिस तो पूरी दुनिया में पब्लिश हुआ है. प्रोपेगंडा के ऊपर ही पब्लिश है.
गौरव- शुभांकर जी, आप समझ गए. अब आप समझ गए इन्होने डॉक्टरेट पर प्रोपेगैंडा किया है. अब इनके मुंह से बात निकली. खान साहब का जो पीएचडी है, वो प्रोपेगंडा पर है. खान साहब मैं आपको सल्यूट करता हूं.