Pakistan में छह महीने में 2,400 से ज्यादा महिलाओं का बलात्कार, 'इज्जत' के नाम पर हुआ अपराध

पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (Pakistan Human Rights Commission) की हालिया रिपोर्ट (Report) के अनुसार, देश में हर दिन बलात्कार (Rape) की 11 घटनाएं सामने आती हैं. समाज में पीड़ित महिलाओं पर दोष मढ़ा जाता है जिससे अपराधियों का मनोबल ऊंचा होता है.

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Pakistan में इज्जत के नाम पर बलात्कार का शिकार होती हैं महिलाएं (प्रतीकात्मक तस्वीर)
लाहौर:

पाकिस्तान (Pakistan) महिला अधिकारों (Women Rights)  के नाम पर शर्मसार हो गया है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (Punjab) में पिछले छह महीने के दौरान “परिवार की इज्जत” (Honor Killing) के नाम पर 2,439 महिलाओं का बलात्कार (Rapes) किया गया और 90 की हत्या कर दी गई. पंजाब सूचना आयोग के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई. आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में चार सौ महिलाओं का बलात्कार किया गया और 2,300 से ज्यादा महिलाओं का अपहरण किया गया. पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर दिन बलात्कार की 11 घटनाएं सामने आती हैं.

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रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह साल (2015-21) में पुलिस के सामने ऐसे 22 हजार मामले सामने आए. रिपोर्ट में कहा गया कि समाज में पीड़ित महिलाओं पर दोष मढ़ा जाता है जिससे इस तरह के अपराध करने वालों का मनोबल ऊंचा होता है.  इस तरह के मामलों में कमी आने की बजाय वृद्धि हो रही है तथा एक प्रतिशत से भी कम अपराधियों को सजा मिल रही है.

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रिपोर्ट में कहा गया, “22 हजार मामलों में से केवल 77 को सजा मिली और सजा मिलने की दर 0.3 प्रतिशत है.” रिपोर्ट में लाहौर प्रबंधन विज्ञान विश्वविद्यालय (एलयूएमएस) में प्रोफेसर निदा किरमानी ने कहा, “दुखद है कि पाकिस्तान में बलात्कार की संस्कृति हावी है. यहां यौन शोषण की पीड़िता को दोषी ठहराया जाता है और सभी मर्दों को प्राकृतिक तौर पर हिंसक बताया जाता है। बहुत से लोग इस विमर्श को बदलना चाहते हैं लेकिन यह कठिन कार्य है.”

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पाकिस्तान में 2019 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया कि जनवरी 2019 से जून के बीच सिंध में 78 लोगों की ऑनर किलिंग हुई . 90 फीसदी मामलों में पुलिस की जांच किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है और यह अभी भी बिना किसी नतीजे के जारी थे.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि मारे गए लोगों में 50 महिलाएं और 28 पुरुष शामिल रहे, 60 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए जिनमें से 57 मामले अभी भी लंबित थे. किसी भी मामले में किसी को सजा नहीं हुई. अधिकांश मामलों में मृतकों के निकट संबंधी ही आरोपी हैं.

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