शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को पाकिस्तान (Pakistan) की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद इमरान खान कि पाकिस्तान की सत्ता से विदाई हो गई. इसके साथ ही एक हफ्ते से चल रही अनिश्चितताओं के बादल छंट गए. अब सोमवार को संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में नए पीएम का चुनाव होगा. नए स्पीकर ने आज दोपहर दो बजे तक पीएम पद के लिए नामांकन दाखिल करने को कहा है.
आइए नजर डालते हैं, उन लोगों पर जिन्होंने पाकिस्तान की सत्ता से इमरान खान की विदाई कराने की पटकथा लिखी:
शहबाज शरीफ:
पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पाकिस्तान की सियासत में उनके परिवार का खासा दबदबा है. वह फिलहाल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष हैं. सख्त प्रशासक माने जाते हैं. अपने भाषणों में क्रांतिकारी कविताएं पढ़ते हैं. वह अपनी संपत्तियों को लेकर खासे चर्चा में रहे हैं, जिसमें लंदन और दुबई में लग्जरी अपार्टमेंट्स शामिल हैं.
आसिफ अली जरदारी:
अमीर सिंध परिवार से आने वाले जरदारी की छवि प्लेबॉय की थी. उनकी शादी बेनजीर भुट्टो से हुई, जिसके कुछ समय बाद वह पीएम बनीं. सियासी गलियारों में उनका नाम 'मिस्टर टेन परसेंट' भी है क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स से रिश्वत ली. वह घूसखोरी, ड्रग्स स्मग्लिंग और कत्ल जैसे आरोपों को लेकर दो बार जेल जा चुके हैं. हालांकि उन पर मुकदमा कभी नहीं चला.
साल 2007 में जब बेनजीर भुट्टो का कत्ल हुआ तो 67 साल के जरदारी ने पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष का पद संभाला. इसके एक साल बाद पीएमएल-एन सरकार में वह राष्ट्रपति भी रहे.
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बिलावल भुट्टो जरदारी:
बेनजीर भुट्टो और आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. 19 साल की उम्र में अपनी मां की हत्या के बाद पीपीपी चेयरमैन बने थे. ऑक्सफोर्ड से पढ़ाई कर चुके 33 साल के बिलावल को आधुनिक सोच का नेता माना जाता है. वह महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात करते हैं. पाकिस्तान की आधी आबादी 22 साल या उससे कम है. बिलावल सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और युवाओं के बीच भी लोकप्रिय हैं. हालांकि उर्दू पर कमांड न होने के कारण उनका मजाक भी उड़ाया जाता है.
मौलाना फजलुर रहमान:
मौलाना फजलुर रहमान पाकिस्तान की सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी और सुन्नी कट्टरपंथी दल जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के चीफ हैं. उनका हजारों मदरसा छात्रों पर खासा प्रभाव है. उनकी पार्टी जेयूआई-एफ को चुनावों में कभी इतने वोट तो नहीं मिले कि खुद के दम पर सत्ता में आ सकें लेकिन किसी भी सरकार में उनका अहम रोल रहता है. इमरान खान के साथ उनकी दुश्मनी गहरी है. उन्होंने ब्रिटोन जेमिमा गोल्डस्मिथ से इमरान की शादी को लेकर उन्हें 'यहूदी' कहा था. इसके बाद इमरान ने भी उन पर कटाक्ष किया था.