पाकिस्तान की पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल प्रेस क्लब में पीटा, PoK की आवाज दबाने की कोशिश- खुद वीडियो देखिए 

Pakistan: पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया जारी करते हुए लिखा, "HRCP नेशनल प्रेस क्लब पर छापे और इस्लामाबाद पुलिस द्वारा पत्रकारों पर हमले की कड़ी निंदा करता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • इस्लामाबाद पुलिस ने नेशनल प्रेस क्लब के अंदर पत्रकारों पर हमला किया और उनके कैमरे तोड़ दिए गए
  • पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने वकीलों और पत्रकारों को पीटा और घसीटा
  • पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने पुलिस के इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल जांच और सजा की मांग की
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

पाकिस्तान में लोकतंत्र का क्या हाल है, अगर यह जानना है तो आपको 2 अक्टूबर को इस्लामाबाद से आए एक वीडियो को देखना चाहिए. इस्लामाबाद पुलिस ने नेशनल प्रेस क्लब के अंदर घुसकर पत्रकारों पर हमला किया है, उन्हें पीटा- घसीटा और उनके कैमरे तक तोड़ डाले. इस हमले की कड़ी निंदा हो रही है. दरअसल पत्रकारों पर इस हमले का कनेक्शन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पिछले 6 दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन से है. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार PoK के वकील और एक्टिविस्ट्स इस प्रेस क्लब में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जब पुलिस ने हमला किया. उनके साथ-साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों पर भी हमला किया गया.

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया जारी करते हुए लिखा, "HRCP नेशनल प्रेस क्लब पर छापे और इस्लामाबाद पुलिस द्वारा पत्रकारों पर हमले की कड़ी निंदा करता है. हम तत्काल जांच की मांग करते हैं और जिम्मेदार लोगों को सजा देने की मांग करते हैं." वहीं पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गुरुवार को नेशनल प्रेस क्लब में इस्लामाबाद पुलिस द्वारा की गई छापेमारी की जांच के आदेश दिए हैं. नकवी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उन्होंने "दुर्भाग्यपूर्ण" घटना का संज्ञान लिया है और इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक से रिपोर्ट की मांग की है. उन्होंने कहा, "पत्रकार समुदाय के खिलाफ हिंसा किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जा सकती।" उन्होंने कहा, "घटना में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।"

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार जाहिद गिश्कोरी ने भी सवाल उठाया कि मीडिया के लिए एक सुरक्षित स्थान कैसे एक टारगेट में बदल गया. उन्होंने लिखा, "इस्लामाबाद प्रेस क्लब पर पुलिस का क्रूर हमला गंभीर सवाल उठाता है कि पत्रकारों का घर उन लोगों के लिए कैसे असुरक्षित हो जाता है जिनके पास विरोध करने या कम से कम अपनी आवाज उठाने के लिए कोई जगह नहीं है. पत्रकार संगठनों को अब एकजुट होना चाहिए."

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की पूर्व दूत मलीहा लोधी ने इस घटना को निंदनीय बताया और जवाबदेही की मांग की. उन्होंने पोस्ट किया, "निंदनीय. इसे किसने अधिकृत किया? इस्लामाबाद पुलिस ने नेशनल प्रेस क्लब पर धावा बोल दिया."

Featured Video Of The Day
Delhi Ashram Case: Swami Chaitanyananda की 'लेडी ब्रिगेड' गिरफ्तार, पूछताछ में खोले कई राज
Topics mentioned in this article