पाकिस्तान बनता जा रहा 'बनाना रिपब्लिक' - करीबी नेता की रिमांड बढ़ने पर बोले इमरान खान

जज ने जांच अधिकारी को ये निर्देश दिया है कि वो पीटीआई नेता की मेडिकल जांच कराएं और रिपोर्ट कोर्ट में जमा करें. इमरान खान की पार्टी ने आरोप लगाया है कि पुलिस हिरासत में गिल को बीते दिनों टॉर्चर किया गया है.

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इमरान खान के करीबी नेता गिल को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता शाहबाज गिल की गिरफ्तारी के विवाद के बीच पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने बुधवार को कहा, " पाकिस्तान एक बनाना रिपब्लिक बनता जा रहा है ". पीटीआई प्रमुख का दावा है कि यह उन्हें और उनकी पार्टी को निशाना बनाने की साजिश है. बता दें कि पुलिस ने गिल को 9 अगस्त को गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने टेलीविजन पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसे देश के मीडिया ने " नफरती और देशद्रोही" माना था. 

विवादास्पद बयान के मामले में इस्लामाबाद पुलिस के अनुरोध पर स्थानीय अदालत ने बुधवार को गिल की दो दिन की फिजिकल रिमांड की मांग को मंजूरी दे दी. अदालत ने गिल को इस्लामाबाद पुलिस हिरासत में भेजने का फैसला तब किया जब एक अदालत ने उनकी दो दिन की फिजिकल रिमांड बढ़ाने के पुलिस अनुरोध को खारिज कर दिया था.

डाउन अखबार के मुताबिक, जज ने जांच अधिकारी को ये निर्देश दिया है कि वो पीटीआई नेता की मेडिकल जांच कराएं और रिपोर्ट कोर्ट में जमा करें. इमरान खान की पार्टी ने आरोप लगाया है कि पुलिस हिरासत में गिल को बीते दिनों टॉर्चर किया गया है. अब रिमांड बढ़ाए जाने पर उनकी जान को खतरा है. 

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इमरान खान ने गिल को अस्पताल ले जाते हुए वीडियो के साथ ट्वीट किया, "एक बनाना रिब्लिक में बदलना. सिविलाइज्ड वर्ल्ड हमारे बर्बरता के स्तर पर हैरान होगी. सबसे बुरी बात यह है कि यातना और निष्पक्ष जांच के बिना एक उदाहरण पेश करने के लिए एक आसान लक्ष्य चुना गया है." 

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इधर, इमरान खान के करीबी नेता गिल को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीआईएमएस) में भर्ती कराया गया है. हालांकि, शाहबाज गिल को फिर से पुलिस रिमांड में भेजे जाने पर इमरान खान ने चिंता जताई है.

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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, " वे मानसिक और शारीरिक रूप से फिलहाल अस्वस्थ हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि हिरासत में लेने के नाम पर उनका अपहरण किया गया, एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और फिर पुलिस स्टेशन में यातना दी गईं. यह मुझे और पीटीआई को जबरन निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा है. वे हमारे खिलाफ झूठे बयान दे रहे हैं, जैसा कि वे सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं के खिलाफ करते रहे हैं." इमरान के अलावा पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने भी गिल को फिजिकल रिमांड पर भेजने के अदालत के फैसले पर चिंता जताई है. 

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