इस्लामाबाद में पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस और सुरक्षा बल प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत करते हुए नजर आए.
शनिवार देर रात अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद इमरान खान प्रधानमंत्री (पीएम) हाउस से बानी गाला स्थित आवास के लिए रवाना हो गए. इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद उनकी पार्टी पीटीआई ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
पाकिस्तान में तख्ता पलट हो गया, लेकिन इस बार न तो प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया न ही उन्हें सेना ने बलपूर्वक सत्ता से बेदखल किया. पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमंत्री और उसकी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया. शनिवार को देर रात पाकिस्तान की इमरान खान सरकार के प्रति अविश्वास जाहिर करते हुए नेशनल असेंबली ने मतदान करके उसे हटा दिया.
प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में शनिवार को आधी रात में मतदान हुआ. इसमें इमरान को हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ इरान खान पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया.
अविश्वास प्रस्ताव का इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने विरोध किया. मतदान के समय 69 वर्षीय पीएम इमरान खान संसद के निचले सदन में मौजूद नहीं थे. उनकी पार्टी पीटीआई के सांसदों भी बर्हिगमन कर गए थे.
इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही प्रधानमंत्री आवास छोड़ दिया. पीटीआई के सांसद फैसल जावेद ने ट्वीट किया, ''अभी-अभी प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री आवास से विदा हुए. वह शालीनता से विदा हुए और झुके नहीं.''
पाकिस्तान में शनिवार को दिन भर सियासी हलचल काफी तेज थी. पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 सदस्यों का समर्थन मिला. यह संख्या प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए जरूरी बहुमत 172 से अधिक रही.
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस महीने की शुरुआत में नेशनल असेंबली में बहुमत खो दिया. सत्ता के गठबंधन के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा था कि उसके सात सांसद विपक्ष के साथ मतदान करेंगे. सत्तारूढ़ दल के एक दर्जन से अधिक सांसदों ने भी यह संकेत दे दिया था कि वे सरकार के खिलाफ जाएंगे.