पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा में शनिवार को उस समय हंगामा मच गया जब सत्ताधारी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विधायकों ने डिप्टी स्पीकर दोस्त मुहम्मद मजारी से हाथापाई की, जब वह प्रांत के नए मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए बुलाए गए महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करने पहुंचे.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विधायकों ने मजारी पर हमला किया और वफादारी बदलने के लिए उनके बाल खींचे. टीवी फुटेज में दिखा है कि मजारी को सुरक्षा गार्ड द्वारा बचाने से पहले पीटीआई सदस्यों ने उन्हें थप्पड़, घूंसे मारे और घसीटा.
पीटीआई के विधायक सदन में लोटा लेकर लाए और ‘लोटा, लोटा' (दल-बदलू) के नारे लगाने लगे. उन्होंने असंतुष्ट पीटीआई विधायकों पर निशाना साधा जिन्होंने पार्टी से नाता तोड़ लिया है और विपक्ष का समर्थन करने का फैसला किया. पीटीआई विधायकों ने कहा कि वे अपनी पार्टी के 24 असंतुष्ट सदस्यों को मुख्यमंत्री के चुनाव में वोट नहीं डालने देंगे.
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दो उम्मीदवारों- हमजा शाहबाज और परवेज इलाही के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और अन्य गठबंधन दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं, जबकि पीएमएल-क्यू के इलाही को पीटीआई का समर्थन प्राप्त है.
अगर पीटीआई के बागी सदस्यों को वोट डालने दिया जाता है तो हमजा का मुख्यमंत्री बनना तय है. स्थिति बेकाबू होते ही विधानसभा के बाहर तैनात पुलिस सदन में दाखिल हो गई. इलाही और अन्य सदस्यों ने इसका विरोध किया और इसे सदन की पवित्रता का उल्लंघन करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के इतिहास में पुलिस कभी भी पंजाब विधानसभा में नहीं घुसी. हम पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक को तलब करेंगे और कानून के तहत उन्हें एक महीने की सजा देंगे.'
मजारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘जिन्होंने मुझ पर हमला किया वे पाकिस्तान में मार्शल लॉ चाहते हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे.' लाहौर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को डिप्टी स्पीकर को शनिवार को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने का निर्देश दिया था. किसी उम्मीदवार को मुख्यमंत्री बनने के लिए 371 सदस्यीय सदन में 186 वोट चाहिए.