बलूच नेता बुगती की हत्या के मामले में परवेज मुशर्रफ बरी

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परवेज मुशर्रफ की फाइल तस्वीर
कराची: पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को एक आतंकवाद रोधी अदालत ने बलूच राष्ट्रवादी नेता नवाब अकबर खान बुगती की 2006 में हुई हत्या के मामले में सोमवार को बरी कर दिया। कई चर्चित मामलों में आरोपी पूर्व सैन्य शासक के लिए यह पहली बड़ी राहत है।

पाकिस्तान के संसाधन संपन्न एवं सबसे बड़े प्रांत के लिए राजनीतिक स्वायत्तता हासिल करने के लिए बुगती ने कबाइली आंदोलन का नेतृत्व किया था। बुगती तत्कालीन राष्ट्रपति एवं सेना प्रमुख मुशर्रफ के आदेश पर अशांत प्रांत में 2006 में की गई सैन्य कार्रवाई में मारे गए थे।

दक्षिण पश्चिमी प्रांत के दौरे के समय खुद पर हुए रॉकेट हमले के बाद मुशर्रफ ने 2005 के अंत में बलूचिस्तान में सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए थे। मुशर्रफ (72) के खिलाफ पिछले साल जनवरी में इस आधार पर हत्या का आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बुगती की हत्या के आदेश दिए थे।

बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा स्थित अदालत ने मुशर्रफ, पूर्व प्रांतीय गृहमंत्री मीर शोएब नौशेरवानी और कौमी वतन पार्टी के प्रमुख एवं नेशनल असेंबली के सदस्य आफताब अहमद खान शेरपाओ को बरी कर दिया।

'डॉन अखबार' ने खबर दी कि न्यायाधीश जान मुहम्मद गौहर द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद बुगती के सबसे बड़े पुत्र जमील बुगती की ओर से पैरवी कर रहे वकील सोहैल राजपूत ने कहा कि वह अदालत के फैसले को चुनौती देंगे।
राजपूत ने कहा, उन्हें (आरोपियों को) दोषी ठहराया जाना चाहिए था और मुझे समझ में नहीं आ रहा कि अदालत ने उन्हें क्यों बरी कर दिया। उन्होंने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और हम इसे चुनौती देंगे।
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