पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (संसद) ने देश के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के खिलाफ सर्वोच्च न्यायिक परिषद में कदाचार और शपथ से भटकने को लेकर मामला दर्ज करने के लिए सर्वसम्मति से पांच सदस्यीय समिति के गठन का प्रस्ताव पारित किया है. इसको लेकर पाकिस्तान में सरकार और शीर्ष अदालत के बीच तनाव बढ़ गया है. इस प्रस्ताव को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नेता डॉ. शाजिया सोबिया ने पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया. सोबिया ने किसी भी न्यायाधीश या पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायिक परिषद में मामला दर्ज करने के लिए समिति के गठन का प्रस्ताव नेशनल असेंबली में पेश किया. निचले सदन ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
पाकिस्तान में सर्वोच्च न्यायिक परिषद किसी भी मौजूदा न्यायाधीश के खिलाफ कार्यवाही करने का एकमात्र न्यायाधिकरण है. यह कदम सरकार द्वारा ऐसे समय में उठाया गया है, जब मुख्य न्यायाधीश बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बीते शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत दी थी, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बढ़ा दिया.
पाकिस्तान के पूर्वप्रधानमंत्री इमराम खान की गिरफ्तारी के दौरान हिंसा पर विपक्ष के नेता राजा रियाज ने अपनी टिप्पणी में देश में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं की कड़ी निंदा की.उन्होंने कहा कि लाहौर में कोर कमांडर हाउस पर हमला करने वाले देश के दुश्मन हैं. रियाज ने इन घृणित कृत्यों के लिए पीटीआई के प्रशिक्षित तत्वों को जिम्मेदार ठहराया. एआरवाई न्यूज के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया. (मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान) एमक्यूएम के सलाहुद्दीन ने कहा कि हालिया हिंसक कृत्य असहनीय हैं. उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान को "रियायतें" दे रही है, जिनके इशारे पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई.
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