- पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नूर खान एयरबेस पर हुए हमले को स्वीकार किया है
- भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में 36 घंटे के भीतर 80 ड्रोन के जरिए पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था
- भारत ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के 11 एयरबेस पर हमला कर कई लड़ाकू विमान और रडार साइट को नुकसान पहुंचाया था
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के आठ महीने बाद ही सही लेकिन ये बात अब मान ली है कि भारतीय सेना के इस ऑपरेशन के दौरान उसके नूर खान एयरबेस को बड़ा नुकसान हुआ था. पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नूर खान एयरबेस पर हुए हमले की बात मानते हुए कहा है कि उस दौरान हमें काफी नुकसान हुआ था. बीते आठ महीने पहली बार ऐसा हुआ है जब पाकिस्तान के इतने बड़े नेता ने ये बात कबूली हो. इशाक डार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत के हमले में पाकिस्तानी एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान हुआ और वहां तैनात सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए.
ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इशाक डार ने कहा कि भारत ने बेहद कम समय में पाकिस्तान में एक साथ बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे थे. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 36 घंटे के अंदर ही 80 ड्रोन पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो चुके थे.उन्होंने कहा कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान एयरबेस पर हमला कर 'गलती की' थी.
भारत ने 11 एयरबेस को बनाया था निशाना
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कुल 11 एयरबेस को निशाना बनाया था. इन एयरबेस में नूर खान एयरबेस भी शामिल था. भारत ने अपने हवाई हमले में पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमान भी नष्ट कर दिया था. इसके साथ-साथ भारत ने पाकिस्तान के रडार साइट विमानों को रखने वाले हैंगर और रनवे को भी बर्बाद कर दिया था.
जरदारी ने भी ऑपरेशन सिंदूर पर दिया था बयान
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तान राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी शनिवार को एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारतीय सेना का शौर्य देखकर पाकिस्तान के बड़े नेताओं की भी हालत इतनी पतली हो चुकी थी कि वो खुदको बचाने के लिए बंकरों में छिपने तक की सोच रहे थे. ये खुलासा खुद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किया है. उन्हें ये कबूला है कि किस तरह से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में खौफ का माहौल था.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का ये कुबुलनाम शनिवार को सामने आया है. उन्होंने एक कार्यक्रम में ये स्वीकार किया कि भारत की कार्रवाई को देखते हुए उस दौरान पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व में एक डर का माहौल था. भारतीय सेना ने अपने ताबड़तोड़ हमलों से स्थिति को इतना खौफनाक बना दिया था कि जरदारी के मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए बंकर में जाने की सलाह तक दे डाली थी.
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