जैसी कि आशंका थी शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (omicron) ने Pfizer Inc और AstraZeneca Plc वैक्सीन के डोज से मिलने वाली सुरक्षा में सेंध लगा दी है. इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ गया है.ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के पेपर में कहा गया है कि दो अलग-अलग टीकों के साथ एकत्र किए गए लोगों के ब्लड सैंपल्स और नए स्ट्रेन के खिलाफ किए गए परीक्षण में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कोरोना से बचाव से बचाव के लिए जरूरी एंटीबॉडीज में गिरावट पाई गई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह परिणाम उन अन्य विचारों की पुष्टि करते हैं जिनमें कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत बताई गई है.
गौरतलब है कि वैज्ञानिक अब तक, गंभीर बीमारी को दूर करने वाली, टीकों की क्षमता संबंधी अहम प्रश्न का जवाब नहीं दे पाए हैं. कोरोना के नएम म्यूटेशन ने दुनियाभर में लोगों की चिंता बढ़ा दी है.हालांकि दक्षिण अफ्रीका, जहां सबसे पहले इस वेरिएंट का पता चला, से मिली रिपोर्ट बताती हैं कि अब तक जो मामले सामने आए हैं, उनमें पहले के वेरिएंट की तुलना में लक्षण/असर मामूली है.
ऑक्सफोर्ड के साथ Astra के टीके को विकसित करने में योगदाना देने वालों में एक, टेरेसा लेंबे के अनुसार, ओमिक्रॉन वेरिएंट के असर को बेहतर तरीके से समझने में अभी कुछ और सप्ताह का समय लग सकता है. उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि मौजूदा टीका, गंभीर बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने से बचाएगा और हमने पहले, यह देखा भी है. हम और अन्य वैक्सीन निर्माताओं का मानना है कि यदि नए वैरिएंट की नई वैक्सीन की जरूरत है तो तेजी से इस बारे में आगे बढ़ सकते हैं. ' इस बीच, संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण ब्रिटेन में अस्पतालों पर 'बोझ' बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. ऑक्सफोर्ड के मेडिकल साइंस डिवीजन के प्रमुख गेविन स्केरेटन ने लोगों को अधिक से अधिक सतर्कता बरतने सलाह दी है.उनका मानना है कि केसों की संख्या बढ़ने से हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ सकता है.